‘रशिया-युक्रेन युद्ध : भारत पर क्या होगा परिणाम ?’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद

 रशिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सदैव भारत के पक्ष में ही भूमिका प्रस्तुत की है । संकटकाल में भारत की सहायता की है । कश्मीर सीमावादअनुच्छेद 370 के संबंध में भी भारत का समर्थन किया है । भारत को शस्त्र और अस्त्र दिए हैं । इसके विपरीत युक्रेन ने सदैव भारत के विरोध में भूमिका ली है । वर्तमान में युक्रेन पर भीषण आक्रमण हो रहे हैं तथा भारत पर युक्रेन का पक्ष लेने के लिए दबाव बन रहा हैतब भी सीधे वैसा नहीं किया जा सकता । युक्रेन में हमारे हजारों विद्यार्थी फंसे हुए हैं । उन्हें बचाना महत्त्वपूर्ण होने के कारण भारत को रशियायुक्रेन युद्ध के संबंध में सावधानी बरतकर भूमिका लेनी चाहिए और भारत का हित देखकर ही अगले कदम उठाने चाहिएऐसा मत भारतीय सेना के सेवानिवृत्त मेजर जनरल जगतबीर सिंह ने व्यक्त किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित रशियायुक्रेन युद्ध भारत पर क्या होगा परिणाम ?‘ इस ऑनलाइन‘ विशेष संवाद में बोल रहे थे ।

इस समय भारतीय सेना के सेवानिवृत्त मेजर जनरल वी.केसिंह ने कहा, रशिया पर नाटो (NATO) में सम्मिलित देशों ने कठोर आर्थिक प्रतिबंध लादे हैं और व्यापार से संबंधित बहिष्कार भी किया है । उसके प्रत्युत्तर स्वरूप रशिया के राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु आक्रमण करने की चेतावनी दी है । जिससे शत्रु राष्ट्र उन पर आक्रमण करने के लिए एकत्रित न आएं । जिस प्रकार पाकिस्तान भी भारत को पाक में घुसकर युद्ध करने पर परमाणु बम का उपयोग करने की धमकी देता रहता है । उसी प्रकार रशिया ने किया है ।

इस समय भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल राजेंद्र शुक्ला ने कहा किवर्तमान में चल रहे रशियायुक्रेन युद्ध के कारण युद्ध सामग्री पर आने वाला खर्च और उसके पश्‍चात पश्‍चिमी देशों द्वारा रशिया पर लादे गए प्रतिबंध के कारण रशिया को बडी मात्रा में आर्थिक हानि होने वाली है । वैश्विक स्तर पर रशिया की बडी हानि होने वाली है । रशिया पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध के कारण रशिया से भारत में आने वाला एस 400′  विमान तथा क्षेपणास्त्र विरोधी तंत्रज्ञान तथा अन्य युद्ध सामग्री भारत को मिलने में कोई बाधा नहीं आएगी । कदाचित युद्ध के कारण वह प्राप्त होने में थोडा विलंब होगापरंतु प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी के कारण भारत की स्थिति वैश्विक स्तर पर पहले की अपेक्षा बहुत अच्छी है । वे संतुलन रखकर भूमिका ले रहे हैं । रशिया और भारत में मित्रता है तथा कठिन काल में रशिया ने भारत की सहायता की हैयह भी भारत को ध्यान में रखना चाहिए ।

 

रमेश शिंदे
 राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.