रुस-यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है वहीं दूसरी तरफ इस समय पूरी दुनिया की नजर भारत पर टिकी हुई है, क्योंकि जिस तरह से भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत वापस ला रही है उसकी वजह से पूरी दुनिया में सरकार के कामों की तारीफ हो रही है. लेकिन इसी बीच मजहबी पत्रकारिता के लिए जाने जानी वाली BBC कुछ अलग ही राग आलाप रही है. दरअसल देखा जाए तो बीबीसी अक्सर अपने रिपोर्ट्स में हिंदू बनाम मुस्लिम के बीच एकतरफा पत्रकारिता करते ही रहती है. इसी कड़ी में BBC के एक खास समुदाय वाले पत्रकार, लेखक सभी अपना मजहब दिखाने में जुटे हुए हैं।
अब इसी कड़ी में 2 मार्च की BBC हिंदी पोर्टल की एक खबर को ही ले लीजिए जिसका शीर्षक है , यूक्रेन में जब फ़ैसल ने कमल के लिए छोड़ दी फ्लाइट – यूपी के दो दोस्तों की कहानी
इस खबर को लिखने वाले पत्रकार का नाम है शहबाज़ अनवर. शीर्षक से ही समझ आ रहा है कि यहां फैसल को हीरो बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है. जहां फैसल को मददगार उदारवादी दिखाने की भरपूर कोशिश पत्रकार महोदय की तरफ से की गई है. मानो नैतिकता का पाठ BBC से बेहतर कोई पढ़ा ही नहीं सकता
BBC ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के मोहम्मद फ़ैसल को यूक्रेन पर हमले से पहले भारत लौटने का एक मौक़ा मिला था,लेकिन उन्होंने अपने साथ पढ़ने वाले दोस्त कमल के लिए फ्लाइट छोड़ दी.
BBC को हर बार एक समुदाय विशेष के पक्ष में लिखने पर कई बार लताड़ लग चुकी है. दरअसल सवाल ये कि BBC आज जिस मानवता और नौतिकता का पाठ पढ़ा रही है ये उस वक्त कहां चला गया था जब दिल्ली में 2020 में हुए दंगों का सारा दोष BBC ने हिंदुओं पर मढ़ दिया था ? जब आप पाकिस्तान के पक्ष में लिखते हुए आतंकवाद का साथ देते हैं तो उस वक्त आपकी नैतिकता क्यों नहीं जागती ?
दरअसल BBC को जब मौका मिले तो भारत के खिलाफ अपना एंजेडा चलाने से बाज नहीं आती. आजादी के बाद से ही BBC ने मानों भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लज्जित करने की शपथ ले ली हो। कई तरह से भारत विरोधी प्रोपगैंडा फैलाने में बीबीसी खास कर उसके पोर्टल और रेडियो का बहुत बड़ा हाथ रहा है। वहीं 2014 के बाद से जबसे मोदी सरकार ने सत्ता संभाली है, बीबीसी का भारत विरोधी पक्ष कुछ ज़्यादा ही मुखर रहा है. अक्सर भारत की छवि को नकारात्मक तरह से पेश करने वाली बीबीसी इस बार भी अपने पक्षपाती कवरेज से बाज़ नहीं आई, जब से यूक्रेन और रुस के बीच युद्ध जारी है मजाल है जो BBC ने अपने किसी भी लेख में भारत की तारीफ की हो कि कैसे भारत यूक्रेन में फंसे अपने लोगों को वहां से सही सलामत अपने देश ला रहा है. हां आपको ऐसी हेडिंग जरुर मिल जाएगी जिसमें ये लिखा होगा कि वहां छात्रों को खाना-पानी नहीं मिल रहा , उनके भारत आने के लिए कहीं कोई इंतजाम भारत सरकार की तरफ से नहीं किया गया है.
मतलब साफ है इनकी मंशा यही है कि कैसे भारत सरकार के बारे में गलत खबरें फैलाई जाए. वैसे आखिर में हम यही कहेंगे कम से कम ऐसे समय में आप किसी खास समुदाय के बारे में न लिख कर भारत सरकार की तारीफ में लिख देते. ना कि किसी खास समुदाय विशेष का महिमामंडन करते ।
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