पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही जहां सभी पार्टियां और पार्टी के नेता वोट प्रतिशत बढ़ाने में जुटे हैं तो वहीं राहुल गांधी इन दिनों एक अलग ही मुश्किल से जूझ रहे हैं या यूं कहे कि राहुल गांधी को इन दिनों एक नई चिंता सता रही है. उनकी चिंता ये है कि ट्विटर पर उनके Followers की संख्या घटती जा रही है और उन्हें ऐसा शक है कि ट्विटर भारत सरकार के दबाव में आकर उनके Followers कम कर रहा है. अब राहुल गांधी ने यही आरोप लगाते हुए ट्विटर के CEO को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने ये शिकायत की है कि ट्विटर पर उनकी लोकप्रियता को जानबूझकर दबाया जा रहा है.
दरअसल दुनिया के किसी भी कोने में कुछ भी क्यों न हो , आमतौर पर राहुल गांधी इन सबके लिए बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जिम्मेदार ठहराते हैं. लेकिन इस बार ट्विटर पर भी आरोपों की झड़ी लगा दी है.
राहुल गांधी ने ट्विटर सीईओ को लिखे एक पत्र में अपने ट्विटर अकाउंट के डेटा की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता शशि थरूर के साथ की है. राहुल गांधी ने पत्र में बताया है कि ‘मैंने किसानों और कई अन्य मानवाधिकार मुद्दों पर सरकार से लड़ाई लड़ी. मेरा एक वीडियो जो कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने को लेकर था वो भारत में ट्विटर पर देखे जाने वाले वीडियो में से एक है.’
वहीं ट्विटर ने राहुल गांधी को सलाह देते हुए साफ किया है कि ‘ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर हेरफेर और फेक अकाउंट्स के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है. हम बड़े पैमाने पर स्पैम और बॉट यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. ट्विटर प्लेटफॉर्म पर हमारी नीतियों का उल्लंघन करने की वजह से हम हर हफ्ते लाखों अकाउंट्स हटाते रहते हैं. इसकी वजह से फॉलोअर्स की संख्या घटना-बढ़ना चलता रहता है.
दरअसल पिछले साल अकेले अगस्त महीने में उनके 50 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स कम हुए. और ये सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के महीने में भी जारी रहा. वहीं ठीक इसके उल्टे इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी को ट्विटर पर फ़ॉलो करने वालों की संख्या लगभग 30 लाख बढ़ गई. बस क्या था राहुल गांधी को एक और मौका मिल गया पीएम मोदी पर हमला बोलने का, और वो फॉलोअर्स की कमी के पीछे पीछे केन्द्र सरकार के दबाव को असली वजह मानते हैं. वैसे देखा जाए तो राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल से हटाए गए उनके किसी भी फ़ॉलोअर ने कहीं कोई शिकायत नहीं की.
इन सबके बीच हम तो यही कहेंगे कि इन दिनों चुनावी गहमागहमी के बीच राहुल गांधी को अपने कम होते वोटरों पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि वो कांग्रेस के लिए ज्यादा गंभीर विषय है साथ ही उनकी चिंता ये होनी चाहिए कि कैसे जिस तरह से पार्टी में कुछ बड़े चेहरे बचे हुए हैं उन्हें रोका जाए, क्योंकि हाल के दिनों में कांग्रेस का कुनबा जिस तरह से खाली होता जा रहा है वो अच्छे संकेत नहीं है .
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