मंदिर और मठ जैसे धार्मिक स्थान/स्थल न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी स्थापित किए जाते हैं इसलिए इन्हें लावारिस , असहाय समझ कर इनपर , इनके आसपास और नियंत्रणाधीन भूमि पर जबरन कब्जा ज़माना अपराध है – उच्च न्यायालय मद्रास।
मद्रास उच्च न्यायालय ने आज एक याचिका का निपटारा करते हुए सम्बंधित एजेंसियों को ये निर्देश दिया कि , राज्य भर के मंदिरों , मठों तथा अन्य धार्मिक सांस्कृतिक स्थलों की और उनके आसपास की भू संपत्ति पर जबरन अवैध कब्जा करने वालों पर गुंडा एक्ट लगा कर उन पर कार्रवाई की जाए। अदालत ने अपने आदेश में अविलम्ब इन तमाम स्थलों की पहचान करके उन्हें मुक्त कराने हेतु विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
ज्ञात हो कि अभी हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के एकतरफा अनुपालन ( अदालती आदेश को ठीक अर्थों में न लिए जाने के कारण ) में , मैसूर में 90 से अधिक मंदिरों को ही तोड़े जाने की साजिश का खुलासा और उसका पुरज़ोर विरोध होते ही मंदिरों को गिराए/तोड़े जाने की कार्यवाही पर रोक लग गई है। दुःख की बात ये है कि इनमें से कई मंदिर तो 500 वर्ष पुराने मंदिर हैं/थे।
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