पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे तो . . . बच्चे की नाभि कौन काटता था मतलब पिता से भी पहले कौन सी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी ? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था ? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं । भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी की आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी ? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . और कहते है की छुआछूत था ?? यह छुआ छूत की बीमारी मुस्लिमों और अंग्रेजों ने हिंदू धर्म को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी। जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता। अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता, कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते…. जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये . . . देश और राष्ट्र को समझिये ! देश को सरकार चलाती है और राष्ट्र को समाज चलाता है ! मज़हब का पर्यायवाची धर्म नहीं है ! मज़हब पैदा होते हैं और मज़हब का एक पैग़म्बर होता है मगर धर्म ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के साथ आया और जब तक यूनिवर्स है तब तक रहेगा उसे हम सनातन कहते है! सभी को अवगत कराएं सभी जातियाँ सम्माननीय हैं…
जय श्री राम ???

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