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खबर हैरान करने और चौंकाने वाली है।
जो लोग भारत में गिद्धों की प्रजाति लुप्त होने की वजह से चिंतित थे उनके लिए खुशखबरी।
अब गिद्धों ने न सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विकसित कर ली है बल्कि डार्विन की थ्योरी ऑफ एवोल्यूशन को धत्ता बताकर सीधे मानव की काया में आ गए हैं।
इन म्युटेटेड गिद्धों का अभ्यारण्य (निवास) NOIDA जैसी जगह में पाया गया। वहीं से ये दिनरात AI की मदद से पूरे भारतवर्ष पर नजर रखते हैं।
ज्ञात हुआ है कि ये भगवा रंग की तरफ ज्यादा आकर्षित हैं और इनकी तीखी नजरें इसी क्षेत्र में लगी रहती हैं। इनका सर्वर लाल,हरा, नीला,बैंगनी रंग की तरंगों को अवशोषित कर देता है।
इनकी दृष्टि आमतौर पर उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हिमाचल,हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार जैसे काऊ बेल्ट क्षेत्र पर ही टिकी रहती हैं। राजस्थान इनका अपवाद है।
ऐसे ही पूरे दक्कन कर्नाटक को छोड़कर से आने वाली तरंगों को भी यह अवशोषित कर देते हैं।बंगाल से आने वाली तरंगें तो इंटक पहुंच ही नही पाती हैं।
इनके सूंघने की शक्ति को इनकी AI ने हिन्दू,मुस्लिम,दलित,सवर्ण और भगवा का एक समीकरण बना दिया है,जैसे ही कोई तरंग इस समीकरण में फिट होती है वैसे ही इनका स्नायुतंत्र जागृत हो जाता है।
मुख्य समीकरण है, भगवा+सवर्ण+दलित। अगर भगवा रंग की जगह कोई सवर्ण किसी दलित पर अत्याचार करे तो इनका तंत्र तुरंत सक्रिय हो जाता है और इनकी पैनी चोंच और खूनी नाखूनों में अतिरिक्त पैनापन आ जाता है। इनकी चोंच फड़फड़ाने लगती है,गर्दन अतिरिक्त रूप से लंबी होने लगती हैऔर आंख की गोटियां खुशी में लाल हो जाती हैं और ये शिकार को नोंचने के लिए निकल पड़ते हैं।
जैसे ही इनके सिस्टम में हाथरस, भगवा,दलित और सवर्ण का की तरंगें प्रवेश करती हैं तो इनका सिस्टम इनके अंदर हजार बोल्ट का करंट भर देता है और इनके पंख फड़फड़ाने लगते हैं लेकिन जैसे ही इस समीकरण में सवर्ण की जगह मुस्लिम आ जाता है तो इनका सर्वर इन्हें एकदम निष्क्रिय कर देता है।
दो चार दिन पहले राजस्थान में में भी समीकरण दलित, मुस्लिम का था लेकिन रंग भगवा न होने की वजह से सर्वर ने इनको डिस्चार्ज कर दिया।
केरल से लाल रंग की कोई तरंग आई तो यह खुदबखुद ऑब्सर्व हो जाती है और ऐसा ही हाल नीले रंग की तमिलनाडु की तरंगों, बैंगनी रंग की आंध्रा और तेलंगाना के साथ होता है।
इनकी AI इतनी उन्नत है कि बंगाल से निकलने वाली हर रंग की तरंगों को तो वह बंगाल से बाहर निकलने ही नही देती।
वैज्ञानिक इस तरह गिद्धों के म्युटेशन और इनके AI विकसित करने से हैरान हैं। NASA के वैज्ञानिकों का एक दल शोध करने के लिए भारत आने वाला है लेकिन चाइनीज वायरस की वजह से अभी नही आ रहा है उसे वैक्सीन का इंतज़ार है।
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