असम में सरकार की सहायता से चल रहे मदरसों को बंद करने पर कांग्रेस (बाकी सभी दलों समेत) तो तकलीफ हुई और सीधा हमला उदित राज ने कुंभ के आयोजन पर किया मगर बाद में अपना ट्वीट हटा लिया —

कांग्रेस का कहना है कि सरकार का कोई धर्म नहीं होता और इसलिए कुंभ पर 4200 करोड़ खर्च नहीं होना चाहिए था –ये ब्रह्म ज्ञान कांग्रेस को कैसे हो गया जबकि कांग्रेस ने ही पढ़ाया है कि सरकार के धर्म इस्लाम और ईसाई हो सकते हैं मगर हिन्दू कभीं नहीं हो सकता –

कांग्रेस ने झूठे मामलों में कुछ हिन्दुओं को फंसा कर “आतंकवाद” का धर्म भी हिंदुत्व से जोड़ने की कोशिश की मगर सैंकड़ों मुस्लिम समाज के लोगों को सजा मिलने पर भी “आतंकवाद’ का धर्म कभी इस्लाम नहीं बताया –

अब कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि यदि –सरकार का कोई धर्म नहीं होता तो 1954 से हज पर सब्सिडी क्यों देनी शुरू की और 2018 तक दी गई जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसे बंद किया गया;

–सरकारों का धर्म इस्लाम रहा कांग्रेस से समय में जब सरकारी खर्चे पर इफ्तार पार्टी होती थीं परन्तु कभी नवरात्रों में कन्या पूजन कभी नहीं किया गया;

–सरकार की मदद से ही देश भर में मदरसे चल रहे हैं, ऐसा करने के लिए सरकार कौन से धर्म का पालन कर रही;

-देश में 16 हज हाउस बनाने के लिए किसके बाप का पैसा खर्च हुआ था अगर सरकार का नहीं हुआ
तो –इनमे अकेले बंगाल के हज हाउस पर 100 खर्च किया ममता ने 2016 में; ग़ाज़ियाबाद के हज हाउस पर 51 करोड़; अभी 1 अगस्त 2020 को सोनिया गाँधी ने 26 करोड़ की लागत से बनने वाले छत्तीसगढ़ के हज हाउस का शिलान्यास किया –

–सरकार के किस धर्म के अनुसार उद्धव सरकार ने हाजी अली की दरगाह के लिए 35 करोड़ दे दिए ;

–सरकार का धर्म इस्लाम है तभी तो तेलंगाना सरकार ने पिछले रमजान में मुसलमानों को स्पेशल किट फ्री में बांटी थी जबकि हिन्दू त्योहारों, रामनवमी,हनुमान जयंती,उगादि पर घर से भी बाहर निकलना मना था;

–सरकार का धर्म इस्लाम और ईसाई होता है तभी तो तमिलनाडु में मंदिरों का बिजली रेट 8 रुपये यूनिट है
और चर्च एवं मस्जिदों के लिए रुपये 2.85 प्रति यूनिट है;

–राजस्थान सरकार का भी धर्म इस्लाम है जो अभी राजस्थान मदरसा बोर्ड (सरकारी खर्चे पर बोर्ड है) ने मदरसा आधुनिकीकरण के आवेदन मांगे हैं जिसके अनुसार प्राथमिक स्तर के मदरसों के लिए 15 लाख और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए 25 लाख की सहायता दी जाएगी जिसमे 90% राज्य सरकार और 10% मदरसा वहां करेगा;

अब इन्हे और बताता हूँ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) 95 वर्ष से कार्य कर रहा है मगर कभी सरकार से एक पैसे की मदद नहीं मिली और ना ही संघ के किसी संस्थान को –

ये मदरसों के लिए सरकारों का पैसा ले कर केवल इस्लाम की शिक्षा देते हैं पर संघ से प्रेरित विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण ( विद्या भारती) के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा के लिए सरस्वती शिशु मंदिर और उच्च कक्षा के लिए सरस्वती विद्या मंदिर वर्षो से लाखों बच्चों को शिक्षा से साथ संस्कार भी दे रहे हैं लेकिन उन्हें किसी सरकार से कभी कोई सहायता नहीं मिलती -कांग्रेस सरकार से तो प्रश्न ही नहीं उठता, भाजपा सरकारों से भी मदद नहीं
मिलती –

इसलिए कांग्रेस अपना ब्रह्मज्ञान अपने ही पास रखे क्यूंकि उसके अनेक किस्से हैं सरकारी धन को इस्लाम और ईसाई धर्म पर उड़ाने के -पूर्वी उत्तर भारत के 3 राज्य भी उसका बड़ा उदाहरण हैं जहां नागालैंड, मिजोरम में 87-90% और मेघालय में 75% लोग ईसाई बनाये जा चुके है

(सुभाष चन्द्र)
“मैं वंशज श्री राम का”

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