फ्रांस में जिस तरह से टीचर का सिर कलम किया गया है और उसके पीछे चेचन्या मूल के मुस्लिम का नाम आ रहा है तो ऐसे में भारत देश में ट्रेंड चल रहा है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द एनआरसी कानून लेकर आए ताकि देश में बसे हुए अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को बाहर खदेड़ा जा सके।

फ्रांस की घटना से पूरा विश्व भौचक्का है और कुछ दिन पहले जिस तरह से स्वीडन में भी दंगे किए गए थे और उसके पीछे यूरोप में बसे हुए एशिया मूल के मुस्लिमों की प्रमुख भूमिका थी तो ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई में मानवतावादी होने के चक्कर यूरोप से बड़ी भूल तो नहीं हुई है।

गौरतलब है कि 80-90 के दशक में यूरोप ने उदारवादी चेहरा दिखाते हुए एशिया मूल के मुस्लिमों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए थे और इसके बाद फ्रांस स्वीडन ब्रिटेन पोलैंड जैसे देशों में कट्टरवाद की वहाबी विचारधारा का उदय हुआ, जिसका परिणाम आये दिन दंगों के तौर पर यूरोप झेल रहा है। ऐसे में फ्रांस की सिर कलम वारदात ने भारत को भी झकझोर दिया है और इसी के चलते सोशल मीडिया पर #मोदी_जी_NRC_लाओ की मांग चल रही है।

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