‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में 725 हिन्दुत्वनिष्ठों का उत्स्फूर्त सहभाग !
महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की ओर से महाराष्ट्र के 131 मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू होने पर अब कर्नाटक, छत्तीसगढ, देहली, उत्तर प्रदेश आदि अनेक राज्यों में भी ‘मंदिर महासंघ’ की स्थापना करने की मांग आई है । उसके अनुसार संबंधित राज्यों में महासंघ स्थापित किए जाएंगे, साथ ही 1000 से अधिक मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने का लक्ष्य निश्चित किया गया है । साथ ही ‘दि केरला स्टोरी’ फिल्म के उपरांत संपूर्ण देश में लव जिहाद की विभीषिका दर्शानेवाले अनेक प्रकरण उजागर हो रहे हैं । ऐसी स्थिति में हिंदू लडकियों एवं अभिभावकों में बड़े स्तर पर जन जागरण करना आवश्यक होने से लव जिहाद के विरुद्ध संपूर्ण वर्ष अभियान चलाया जाएगा, साथ ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से हिन्दू हित के उपक्रमों को गति प्रदान करने के लिए जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू संगठनों का एकत्रीकरण कर संपूर्ण देश में ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समितियों’ की स्थापना की जाएगी, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के समापन की पत्रकार परिषद में दी ।
फोंडा, गोवा में आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे । इस अवसर पर त्रिपुरा के ‘शांति काली आश्रम’ के पू. चित्तरंजन स्वामी महाराज, ‘गोमंतक मंदिर महासंघ’ के सचिव श्री. जयेश थळी, ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे एवं हरियाणा की ‘विवेकानंद कार्य समिति’ के अध्यक्ष श्री. नीरज अत्री उपस्थित थे ।
सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने आगे कहा कि, ‘जो हिन्दू हित की केवल बात नहीं, अपितु हिन्दू हित का कार्य करेगा’, इस नीति के अनुसार हिन्दू राष्ट्र तथा हिन्दू हित के सूत्रों पर कार्य करने का वचन देनेवाले राजनीतिक दल तथा प्रामाणिक जनप्रतिनिधियों को ही वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में हिन्दुओं का समर्थन मिलेगा, यह निश्चय सभी ने व्यक्त किया । इस अधिवेशन में नेपाल एवं भारत के 22 राज्यों के 350 से अधिक संगठनों के 725 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे ।
‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने कहा कि, इस अधिवेशन में भारत एवं नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने; लव जिहाद, धर्मांतरण एवं गोवंश हत्या के विरुद्ध कठोर कानून बनाने; हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाने; मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त करने; ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ एवं ‘वक्फ’ कानूनों को निरस्त करने; जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने; कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वास आदि विषयों पर ‘हर हर महादेव’ के जयघोष में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए गए ।
इसके साथ ही इस अधिवेशन में आनेवाले संपूर्ण वर्ष में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के संदर्भ में समाज में जागृति लाने के लिए समान सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत ‘लव जिहाद’, साथ ही ‘हलाल जिहाद’ के संदर्भ में जन जागरण बैठकें एवं आंदोलन’, ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’, ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’, ‘मंदिरों में उद्बोधन बैठकें आयोजित करना, ‘राज्यस्तरीय मंदिर परिषद आयोजित करना’ आदि विभिन्न उपक्रम चलाना सुनिश्चित किया गया है ।
इस अवसर पर ‘गोमंतक मंदिर महासंघ’ के सचिव श्री. जयेश थळी ने कहा कि इस अधिवेशन में संपूर्ण देश से मंदिरों के न्यासी सम्मिलित थे । उसमें ‘मंदिरों को सरकारीकरण एवं अतिक्रमणों से मुक्त करने’ की प्रमुख मांग के साथ संपूर्ण देश में ‘मंदिर संस्कृति रक्षा एवं संवर्धन’ के लिए कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, देहली इन राज्यों में राज्य स्तरीय मंदिर परिषदों का आयोजन करना सुनिश्चित हुआ है । उसके द्वारा 1000 मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने के लिए प्रयास किए जाएंगे, साथ ही मंदिरों की पवित्रता बनाए रखने के लिए ‘मदिरा–मांस मुक्त मंदिर परिसर अभियान’ चलाया जाएगा ।
त्रिपुरा के ‘शांति काली आश्रम’ के पू. चित्तरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि संपूर्ण देश में विशेष रूप से ईशान्य के राज्यों में हिंदुओं का धर्मांतरण एक बड़ी समस्या है । वीर सावरकरजी ने ‘धर्मांतरण राष्ट्रांतरण होने’ की जो बात कही थी, उसका हम मणिपुर में चल रही हिंसा से अनुभव कर रहे हैं । ऐसी घटनाएं अन्य राज्यों में न हों; इसके लिए धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की तुरंत आवश्यकता है । इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देने वाले केंद्र बनाए जाने चाहिए ।
हरियाणा की ‘विवेकानंद कार्य समिति’ के अध्यक्ष श्री. नीरज अत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए तथा हिन्दुओं में जागृति लाने के लिए दिए जाने वाले वक्तव्यों को ‘हेट–स्पीच’ प्रमाणित कर हिन्दुओं पर एक पक्षीय कार्यवाही की जा रही है । इसके संदर्भ में किस प्रकार से कानूनी लडाई लडी जा सकती है, इस पर भी संपूर्ण देश से आए अधिवक्ताओं ने विचार मंथन किया है । अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने वाले दबाव में न आकर इसके आगे भी हिन्दुओं को जागृत करने का कार्य और अधिक गति से करने का निश्चय व्यक्त किया गया ।
इस अधिवेशन का हिन्दू जनजागृति समिति के यू–ट्यूब चैनल ‘HinduJagruti’ तथा फेसबुक पृष्ठ facebook.com/hjshindi1 से सीधा प्रसारण किया गया, जिसका देश–विदेशों के 16,70,680 लोगों ने लाभ उठाया ।
श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति,
‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में पारित प्रस्ताव !
1. भारत के बहुसंख्यक हिन्दुओं को न्याय देने के लिए संविधान से ‘सेक्युलर’ एवं ‘सोशलिस्ट’ शब्द हटाकर वहां ‘स्पिरिच्युअल’ शब्द जोड़ा जाए एवं भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाए ।
2. ‘नेपाल हिन्दू राष्ट्र घोषित हो’, नेपाल के हिन्दुओं की इस मांग का यह अधिवेशन पूर्ण समर्थन करता है ।
3. देशभर में श्रद्धा वालकर, साक्षी, अनुपमा आदि अनेक हिन्दू युवतियों की लव जिहादियों ने निर्घृण हत्या की है । इस समस्या पर उपाय स्वरूप देश स्तर पर कठोर ‘लव जिहाद विरोधी कानून’ बनाया जाए तथा प्रतिवर्ष प्रत्येक राज्य से हजारों की संख्या में लडकियां–महिलाएं गायब हो रही हैं । उसके पीछे का षड्यंत्र खोज कर इस पर स्थायी रूप से उपाययोजना बनाई जाए ।
4. हिन्दुओं के मूलभूत अधिकारों का हनन करने वाला ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991’ एवं ‘वक्फ’ कानून त्वरित निरस्त कर काशी, मथुरा, ताजमहल, भोजशाला आदि मुगल आक्रमणकारियों द्वारा हड़पे हजारों मंदिर एवं भूमि हिन्दुओं के नियंत्रण में दी जाए ।
5. देशभर में सरकार के नियंत्रण में जो मंदिर हैं, उन सबका सरकारीकरण निरस्त कर मंदिर भक्तों को सौंपे जाएं तथा मंदिरों के लिए ‘हिन्दू बोर्ड’ स्थापित कर उसमें शंकराचार्य, धर्माचार्य, भक्त, पुजारी, धर्मनिष्ठ न्यायाधीश एवं अधिवक्ताओं का समावेश किया जाए ।
6. केंद्र सरकार संपूर्ण देश में ‘गोवंश हत्या प्रतिबंधक’ एवं ‘धर्मांतरण प्रतिबंधक’ कानून पारित करे ।
7. लगभग 700 से अधिक आतंकवादियों को कानूनी सहायता करनेवाले ‘जमीयत–ए–उलेमा हिन्द’ संगठन को केंद्र सरकार ने हाल ही हलाल मांस के लिए प्रमाणपत्र देने की अनुमति दी है । वह अनुमति तत्काल निरस्त की जाए तथा भारत में ‘एफ.एस.एस.ए.आई.’(FSSAI) एवं ‘एफ.डी.ए.’(FDA) जैसी शासकीय संस्थाएं होते हुए धार्मिक आधार पर ‘समांतर अर्थव्यवस्था’ निर्माण करनेवाले ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए ।
8. कश्मीर घाटी में ‘पनून कश्मीर’ नामक केंद्र शासित प्रदेश की निर्मिति कर वहां विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वसन किया जाए ।
9. पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं श्रीलंका के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों की अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एवं भारत सरकार द्वारा पूछताछ कर वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षा दी जाए ।
10. भारत में घुसपैठ किए हुए रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी मुसलमानों को लौटाने के लिए सरकार कठोर कानून बनाए । सी.ए.ए. (नागरिकता सुधार) कानून पर तत्काल अमल किया जाए ।
11. गत कुछ वर्षों में अहिन्दुओं की जनसंख्या का विस्फोट देखते हुए सर्वधर्मियों की जनसंख्या का संतुलन बनाए रखने के लिए देश में तत्काल ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ लागू किया जाए ।
12. मणिपुर में हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार कठोर कदम उठाए तथा स्थायी रूप से हिन्दुओं को सुरक्षा प्रदान करे ।
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Photo Caption : (बाए से) श्री रमेश शिंदे, सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे जी, पू. चित्तरंजन स्वामी महाराज जी, श्री नीरज अत्री एवं श्री जयेश थळी
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