पूरा देश आज जब 26 नवंबर के मौके पर 26/11 हमले में मारे गए तुकाराम ओम्बले जैसे बहादुर जवानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, उस समय कॉन्ग्रेस अब भी अपना प्रोपगेंडा फैलाने में व्यस्त है। कॉन्ग्रेस की कोशिश है कि बस किसी तरह लोगों का ध्यान इस दिन किसी दूसरे मुद्दे की ओर भटक जाए और कोई उनकी नाकामयाबी व कायरता पर बात न करे।

इसी क्रम में पार्टी के नेताओं ने आज अपने सोशल मीडिया अकॉउंट पर किसानों को उकसाने के लिए पुरानी तस्वीरें एक साथ शेयर करनी शुरू की। यूथ कॉन्ग्रेस की ओर से तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा गया, “भारत कभी ऐसी सरकार को माफ नहीं करेगी जिसने राष्ट्र का पेट भरने वालों के साथ आतंकियों सा बर्ताव किया।”

कॉन्ग्रेसियों का झूठ
वरुण चौधरी ने लिखा, “हम हैं भारत के मजदूर किसान, हमसे रोटी पाता है पूरा हिंदुस्तान, आज हम ही पर लाठियाँ, गोलियाँ और पानी का बौछार डाला जा रहा है, हम ही बुनियाद का पत्थर हैं लेकिन हमें ही पानी और पत्थर से मारा जा रहा है।”

तहसीन पूनावाला लिखते हैं, “हड्डी कड़कड़ाने वाली इस ठंड और कोरोना की दूसरी लहर में देखिए कैसे ये सरकार हमारे पेट भरने वालों के साथ बर्ताव कर रही है। अगर मेरे बाबा साहेब जिंदा होते तो संविधान दिवस पर ये सरकार उन्हें जेल में डाल देती।”

अब दिलचस्प बात यह है कि जिन तस्वीरों के आधार पर उक्त कॉन्ग्रेस नेताओं व समर्थकों द्वारा भाजपा सरकार के प्रति किसानों को उकसाया जा रहा है, वो तस्वीर साल 2018 की हैं, वो भी अक्टूबर महीने की। ऐसे में तहसीन पूनावाला जैसे कॉन्ग्रेसियों के यह ट्वीट कितने तथ्यात्मक है, इसकी पोल अपने आप ही खुलती है।

2018 की किसान रैली की तस्वीर

टाइम्स की पुरानी खबर
इन लोगों का कहना है कोरोना काल में भाजपा सरकार ने किसानों पर यह अत्याचार किया है जबकि ये सबको मालूम है कि कोरोना महामारी का असर भारत में साल 2020 में देखने को मिला था और इसका पहला केस चीन में भी साल 2019 में आया था।

@BefittingFacts के ट्विटर अकॉउंट पर इस फर्जी प्रोपगेंडा की पोल खोली गई है। उन्होंने लिखा, “जब पूरा भारत आज 26/11 मुंबई हमले के बहादुरों को याद कर रहा है, कॉन्ग्रेस और उसके कुलीन लोग भारत के किसानों को भड़काने और आतंकवादी हमले को रोकने में अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

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