रायल इण्डियन नेवी के बॉम्बे म्युटिनी की 75 वीं वर्षगांठ
स्वयं ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने एक इंटरव्यू में यह स्वीकारा था कि पहले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और आज़ाद हिन्द फ़ौज द्वारा मजबूती से ब्रिटिश सेना का समाना करना और भारतीय जनमानस में लोकप्रियता हासिल करना और फ़िर इस विद्रोह के बाद अँग्रेज़ यह समझ गए थे कि भारतीय सैनिकों के बल पर भारतियों पर राज करना अब संभव नहीं हो पाएगा और इसी कारण 15 अगस्त 1947 को सत्ता सौंप भारत को स्वतंत्र घोषित करने पर बाध्य हुए।