सनातन , हिन्दू , हिंदुत्व , देवी -देवताओं , मंदिरों , पुजारियों , साधू संतों आदि को निशाना बनाकर उनका उपहास उड़ाते हुए , उन्हें हास्यास्पद तरीके से निरूपण चित्रण फिल्मांकन करने की प्रवृत्ति और सिनेमा सीरियल वेब सीरीज़ ,विज्ञापन आदि बनाए जाने की घटनाए प्रतिदिन देखने सुनने को मिल रही हैं।
हर बार विरोध ,शिकायत ,कार्रवाई के थोड़े दिनों बाद फिर से उन्हीं सब की पुनरावृत्ति यही साबित करती है की कुछ विशेष दुर्बुद्धि और नकारात्मक लोगों को बिना ये सब किये चैन नहीं पड़ता। अनपढ़ जाहिल मुगलों का तो चलिए दुनिया में रहने का एकमात्र मकसद ही यही है , किन्तु खुद को आधुनिक ,विकसित , बुद्धिजीवी ,प्रगतिशील माने बताने वाले मुट्ठी भर लोग भी इनके साथ मिल कर यही सब षड्यंत्र रचने में लगे हुए हैं।
सिनेमाजगत के खान बंधुओं ने तो अपने मुगलिया समाज को खुश करने के लिए मानो एक मुहीम सी चला रखी है। कभी आमिर खान “पीके ” बना कर हिन्दुओं की धार्मिक भावना के साथ खिलावड़ करता है तो कभी सैफ अली खान तांडव बना कर हिन्दुओं और यहाँ तक कि पुलिस और फ़ौज का भी मजाक बना देता है।
इन दिनों OTT प्लेटफॉर्म्स इन तमाम जेहादी मानसिकता वाले मुगलों द्वारा ,अपनी कुंठा , अपना ज़हर ,अपनी नफरत , अश्लीलता , फूहड़पन , गाली गलौज़ वाले अपने चरित्र को सही सही दिखाने का नया अड्डा बन चुके हैं। लोगों के सामने एक के बाद एक विवादास्पद और बेहद ही आपत्तिजनक वेब सिनेमा और धारावाहिकों को जानबूझ कर दर्शकों के सामने परोसना एक गहरी साजिश और समाज में नफरत को बढ़ावा देकर अशांति फैलाने का प्रयास है।
असल में इन प्लेटफॉर्म्स पर ,किसी तरह के सरकारी नियंत्रण या सेंसरशिप , इस दिशा में कोई दिशा निर्देश नीति नियम न बन पाने के कारण ये लोग इसका फायदा उठाते हुए अब उन लाखों दर्शकों के घरों में टीवी के माध्यम से पहुँच कर अपने जहरीले मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं , जिन दर्शकों ने इनकी असली सूरत सीरत पहचान कर अब बॉलीवुड सिनेमा का पूरा बहिष्कार कर दिया है।
सत्यमेव जयते में देश दुनिया भर की तमाम समस्याओं को उठाने वाले आमिर खान की बोलती ,खुद अपने मुग़ल समाज में व्याप्त हलाला , तीन तलाक , आतंकवाद , पिछड़ापन आदि जैसी बीमारियों , कुरीतियों पर बिलकुल बंद हो जाती है और इन सब मामलों पर पीके बैठ जाता है मुँह सीके।
कहीं ऐसा तो नहीं कि , ये और इन जैसे तमाम बड़े नामचीन मुग़ल नाम और लोग जानबूझ कर अपने पिछड़े अनपढ़ जाहिल बेरोजगार मुग़ल समाज के लिए ,उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए कोई गंभीर प्रयास तो दूर कभी इस बारे में बात तक नहीं करते क्यूंकि ये चाहते ही नहीं मुग़ल समाज भी मुख्य धारा में आकर विकसित सभ्य शिक्षित हो और इस बहाने से इनकी भाईगिरी और स्टारडम यूं ही चलता रहे।
तो बताओ आमिर ,शाहरुख , सलमान ,आमिर ,अली अब्बास , इमरान मुग़ल कुरीतियों , अंधविश्वासों , आतंकवाद पर कब बनाओगे पिक्चर ,कॉमेडी ,सीरीज़ , किताब , पेंटिंग्स बस ध्यान रहे -कार्टून मत बनाना।
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