इस देश का विपक्ष राजनीतिके सत्ता के स्वार्थ में इतना धूर्त हो चुका है की अल्पसंख्यक वोटों और जातिगत समीकरण को साधने के लिए सालों तक तुष्टिकरण की राजनीति करता है . सनातन , हिन्दू , हिंदुत्व यहां तक कि हिंदुओं के पर्व त्यौहारों तक के प्रति पक्षपाती रहते हुए हमेशा इनके खिलाफ खड़े रहने वाले लोग , नेता और राजनैतिक दाल चुनाव आते ही बहुसंख्यक हिंदुओं का मत पाने के लिए अचानक ही अपना चोला ,भाषा और व्यव्हार तक बदलने में देर नहीं लगाते .
कोई कपड़ों के ऊपर जनेऊ पहन कर दिखाने लगता है तो कोई गंगा जी में डुबकी लगाने और तो और अपने पूरे शासन काल में हिंदुओं पर हमलावर रहने वाली ,यहां तक कि दुर्गा पूजा , विसर्जन तक में अड़ंगा डालने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सामने विधानसभा चुनाव को देखते हुए अचानक ही सरस्वती पूजा करने लगती है .
यह कितनी हास्यास्पद बात है कि चुनाव आते ही बहुरूपियों की तरह अपना रंग -ढंग बदलने वाले इन छद्म और धूर्त राजनीतिज्ञों को अब भी लगता है कि इस देश के लोगों में इतनी भी राजनैतिक सचेतता नहीं है कि यह सब झोल झपाटा ,खेल तमाशा समझ सकें .
अंदर से हिंदुओं के प्रति मैन में विद्वेष और पक्षपाती नज़रिया रखने वाले बात बात पर हिंदुओं को कोशने गाली देने व प्रताड़ित करने वाले ये लोग जो छद्म भेष/आवरण धारण करके बहुसंख्यक हिंदुओं के मत के लिए जो थोड़े समय के लिए ये नाटक करते हैं अक्सर उसमें भी खुद ही तमाशा और उपहास का पात्र बन जाते हैं .
कांग्रेस कुमारी प्रियंका वढेरा ने पिछले दिनों गंगा में डुबकी लगाते हुए जो फोटो शूट कराया उसमें कहीं से भी सनातनी संस्कार या आस्था जैसा कुछ नहीं दिखा . युवराज राहुल को तो खैर इतनी भी समझ नहीं है कि जनेऊ धारण कैसे किया जाता है ??
कभी विद्यार्थी , कभी किसान ,कभी व्यापारी और कभी वोट के लिए नकली हिन्दू बन कर फैंसी ड्रेस में देश और बहुसंख्यकों को भ्रमित करने , लुभाने का ये नकली खेल अब बहुत पुराना हो चुका है और इस केंचुली ,इस नकाब के पीछे छिपाए जा रहे असली मंसूबों ,मंतव्यों को भलीभांति पहचान चुकी है .
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