पिछले दिनों राजनीति के दो नौसिखिए अपरिपक्व अबोध बालक और बालिका की जलक्रीड़ा देख कर लोगों के मन में यही बात बार बार आई कि -ये राहुल है , ये प्रियंका है और दोनों भाई बहन मिलकर ये जो कांग्रेस नामक पाउरी है उसे पूरी तरह मटियामेट करके ही दम लेंगे .

दीदी गंगा जी में “पंछी स्नान ” करते हुए हिंदुओं को कांग्रेसी बनाने का प्रयास करती दिखीं तो भैया जी राहुल तपाक छपाक से समुंदर में कूद कर मछुआरों के लिए वो मंत्रालय गठित कर रहे हैं जो सरकार ने दो वर्ष पहले ही स्थापित कर दिया था .

इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कांग्रेस के रफूगर ने समझाया कि कांग्रेस युवराज का तात्पर्य समुद्र में तैरते हुए मछलियों के साथ विमर्श करके एक मत्स्य मंत्रालय बनाने की बता कही थी .

देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल , सरकार से विपक्ष , विपक्ष से एक छोटी सी राजनीतिक पार्टी और राजनीतिक पार्टी से भी नीचे गिरकर अब एक लूटी पिटी – ,छूटी घटी “पाउरी ” बनाने का सारा श्रेय भूरी काकी और उनकी दोनों संतानों को ही जाता है .

आज इस पाउरी की हालत और हालात इतने बदतर हैं कि राज्यों के छोटे छोटे क्षेत्रीय राजनैतिक दल भी इस पाउरी को पनौती मां कर इससे कतराने लगे हैं या ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस पाउरी को अपना चेला , मेरा मतलब अपनी बी टीम बनाने को बमुशिकल राज़ी हैं .

इस पाउरी को चुल्लु भर पानी में डूब मरने लायक स्थिति में लाकर भी पाउरी के कूल डूड युवराज यदि समुदंर में जलक्रीड़ा करते हुआ पाउरी के लिए कुछ सोच रहे हैं तो यकीनन ही कुछ न कुछ बहुत गहरा ही सोच रहे होंगे . लोग कयास लगा रहे हैं की राहुल अपनी पाउरी को रसातल तक पहुँचा कर ही मानेंगे .

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