स्वाधीनता-संग्राम के तेजस्वी सेनानी – विनायक दामोदर सावरकर की ५५ वीं पुण्यतिथि
"मातृभूमि! तेरे चरणों में पहले ही मैं अपना मन अर्पित कर चुका हूँ। देश-सेवा ही ईश्वर-सेवा है, यह मानकर मैंने तेरी सेवा के माध्यम से भगवान की सेवा की।" - विनायक दामोदर सावरकर