भारतवर्ष  में आज एक-दो सालों से कुछ न कुछ ऐसा दिखता रहता है कि, जो वर्षों से ना हुआ वो अब हो गया| इसी क्रम में नई शिक्षा नीती आई है| 34 वर्ष बाद कुछ शिक्षा नीति में बदलाव देखने को मिला| इसे 34 वर्ष बाद कहना अर्थपूर्ण मालुम नहीं होता है क्यों कि एक शिक्षा नीति आने के बाद कम से कम 20 साल लगते हैं किसी को अपनी पूर्ण पढ़ाई करने में| तो इसे 14 वर्ष बाद का परिवर्तन कहें तो ज्यादा प्रासंगिक लगता है| 14 वर्ष के बाद अयोध्या में खुशहाली आई थी तो नई शिक्षा नीति भी बच्चों के भविष्य को प्रकाशित करेगी ऐसा नई शिक्षा नीति से अपेक्षित है| भारतीय संविधान के चौथे भाग में उल्लिखित नीति निदेशक तत्वों में कहा गया है कि प्राथमिक स्तर तक के सभी बच्चों को अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाय।

शिक्षा निति के बदलाव के कुछ महत्वपूर्ण वर्ष

  • 1948 -डॉ॰ राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के गठन
  • 1952 – लक्षमणस्वामी मुदलियार की अध्यक्षता में माध्यमिक शिक्षा आयोग का गठन
  • 1964 – दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में शिक्षा आयोग का गठन
  • 1968 – लक्षमणस्वामी मुदलियार की अध्यक्षता में माध्यमिक शिक्षा आयोग और दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में शिक्षा आयोग की अनुशंशाओं के आधार पर शिक्षा नीति पर एक प्रस्ताव का प्रकाशन
  • 1986 – नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू
  • 1990– राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समीक्षा के लिए आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता में एक समीक्षा समिति का गठन
  • 1993– राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समीक्षा के लिए प्रो. यशपाल समिति का गठन
  • 2015– नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिये पूर्व कैबिनेट सचिव टी.एस.आर. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय समिति का गठन| नई शिक्षा नीति का मसौदा पेश लेकिन अनुकूल नहीं पाया
  • 2016– अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक नई समिति का गठन
  • 2019-नई शिक्षा नीति का मसौदा सरकार को सौंपा गया।
  • 2020-नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू

नई शिक्षा नीति के कुछ बदलावों को सीधे अर्थों में ऐसे समझा जा सकता है|

1 से 12 कक्षा तक के बच्चों के लिए

  1. स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए है. इसमें अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है.
  2. बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में अब लाइफ स्किल को भी जगह दी जायेगी| जैसे किसी बच्चे ने रोजगारपरक सीखा हुआ है तो उसे उसके रिपोर्ट कार्ड में डाला जायेगा| जिससे बच्चों के लाइफ स्किल का भी विकास होगा|
  3. नई नीति में मातृभाषा पर जोर दिया गया है | पहली से पांचवीं तक जहां तक संभव हो मातृभाषा का इस्तेमाल शिक्षण के माध्यम के रूप में किया जाए. जहां घर और स्कूल की भाषा अलग-अलग है, वहां दो भाषाओं के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया है| इसे क्लास आठ या उससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. विदेशी भाषाओं की पढ़ाई सेकेंडरी लेवल से होगी
  4. पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए भाषा और गणित पर जोर और चौथी और पांचवी कक्षा के बच्चों के लिए लेखन और कौशल पर ध्यान देने की बात नई नीति में कही गई है|
  5. बच्चों के बस्तों के बोझ को कम करने के लिए भाषा या गणित मेले जैसे आयोजनों पर भी जोर दिया गया है| जिसमे बच्चे रंगमंच,  ग्रुप स्टडी, पोस्टर और डिस्प्ले से भी सीखें|
  6. अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन के लिए करिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार होगा. इसे 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए डेव‍लप किया जाएगा. इसमें बुनियादी शिक्षा (6 से 9 वर्ष के लिए) के लिए फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरू किया जाएगा.इसके लिए राष्ट्रीय श‍िक्षा नीति में गिफ्टेड चिल्ड्रेन एवं गर्ल चाइल्ड के लिए विशेष प्रावधान किया गया है. इसके अलावा पॉलिसी में कक्षा 6 के बाद से ही वोकेशनल स्टडी को जोड़ा जाएगा.
  7. छठी क्लास से वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे. इसके लिए इसके इच्छुक छात्रों को छठी क्लास के बाद से ही इंटर्नशिप करवाई जाएगी. इसके अलावा म्यूज़िक और आर्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा. इन्हें पाठयक्रम में लागू किया जाएगा.
  8. पहले बच्चों के पाढ्यक्रम में कला, संगीत, पुस्तक कला, खेल  यह सब सहायक पाठ्यक्रम (co curricular) या अतिरिक्त पाठ्यक्रम (extra curricular) में आते थे लेकिन अब यह मुख्य पाढ्यक्रम में शामिल किया गया है जिससे बच्चों की रूचि अब उनका भविष्य भी सवारेंगी|
  9. बोर्ड की बच्चों को और उनके माता – पिता को बहुत ही ज्यादा चिंता रहती थी उसका ध्यान रखते हुए बोर्ड परीक्षा को भागों में बांटा जा सकता है|  दो बोर्ड परीक्षाओं को तनाव को कम करने के लिए बोर्ड तीन बार भी परीक्षा करा सकता है|
  10. भारत में लड़कियों की शिक्षा को जारी रखने और भावनात्मक रूप से सुरक्षित वातावरण देने का सुझाव दिया गया है. इसके लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का विस्तार 12वीं तक करने का सुझाव नई शिक्षा नीति में है|
  11. नई प्रणाली में प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा और तीन साल की आंगनवाड़ी होगी. इसके तहत छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए तीन साली की प्री-प्राइमरी और पहली तथा दूसरी क्लास को रखा गया है. अगले स्टेज में तीसरी, चौथी और पाँचवी क्लास को रखा गया है. इसके बाद मिडिल स्कूल याना 6-8 कक्षा में सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा. सभी छात्र केवल तीसरी, पाँचवी और आठवी कक्षा में परीक्षा देंगे| 3, 5 और 8 में स्कूल की परीक्षा देना होगी ये परीक्षाएं रटकर याद करने की बजाय प्रासंगिक उच्चतर क्रम के कौशलों औऱ वास्तविक जीवन स्थितियों में पाठकयक्रम की मूलधारणा के मूल्यांकन का परीक्षण कर किया जाएगा। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पहले की तरह जारी रहेगी. लेकिन बच्चों के समग्र विकास करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इन्हें नया स्वरूप दिया जाएगा. एक नया राष्ट्रीय आकलन केंद्र ‘परख (समग्र विकास के लिए कार्य-प्रदर्शन आकलन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) एक मानक-निर्धारक निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा.

उच्च शिक्षा के लिए

  1. बच्चे की पढाई छूटने के बहुत सारे व्यक्तिगत कारण होते हैं| नई नीति में इसका ध्यान रखा गया और अब अगर उच्च शिक्षा में किसी भी समय अगर पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ भी जाए तब भी कुछ न कुछ लाभ मिलेगा| मतलब अगर बच्चे ने एक साल पढ़ाई की है तो सर्टिफिकेट, दो साल की है तो डिप्लोमा मिलेगा. तीन या चार साल के बाद डिग्री दी जाएगी.
  2. पहले जो लोग पीएचडी करते थे उनको अब एमफिल की जरूरत नहीं है| इसके लिए नई व्यवस्था की गई है. उनके लिए 4 साल के डिग्री प्रोग्राम का विकल्प दिया जाएगा. यानी तीन साल डिग्री के साथ एक साल एमए करके एम फिल की जरूरत नहीं होगी. इसके बाद सीधे पीएचडी में जा सकते हैं.मतलब की एमफिल ख़त्म|
  3. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा | नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Education Policy, NEP) को अब देश भर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए एडिशनल चार्ज दिया जाएगा.
  4. मल्टीपल डिसिप्लनरी एजुकेशन में अब आप किसी एक स्ट्रीम के अलावा दूसरा विषय लेने का भी प्रावधान रखा गया है| यानी अगर आप इंजीनियरिंग कर रहे हैं और आपको संगीत का भी शौक है तो आप उस विषय को भी साथ में पढ़ सकते हैं|

शिक्षकों के लिए

  1. शिक्षित गुरु बेहतर शिष्य की नई पौध को खड़ा करता है| इसके लिए सरकार ने सोंचा और नई शिक्षा नीति में सिफारिश की गई है की सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के स्तर पर शामिल किया जाए|
  2. सरकार अब नया नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार करेगी. इसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट शिक्षा को जोड़ा जाएगा|
  3. शिक्षकों के सपोर्ट के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की बात भी नई शिक्षा नीति में शामिल है. इसके लिए कंप्यूटर, लैपटॉप व फोन इत्यादि के जरिए विभिन्न ऐप का इस्तेमाल करके शिक्षण को रोचक बनाने की बात कही गई है.
  4. शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय प्रोफ़ेशनल मानक (एनपीएसटी) राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा वर्ष 2022 तक विकसित किया जाएगा, जिसके लिए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी स्तरों एवं क्षेत्रों के विशेषज्ञ संगठनों के साथ परामर्श किया जाएगा.

ढांचा और नीतियों में परिवर्तन

  1. मानव संसाधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय कहलायेगा|
  2. सरकार अभी 4 .4 % खर्च करती है शिक्षा पर अब वही 6% होगा मतलब सरकार ज्यादा पैसे खर्च करेगी पढ़ाई से सम्बंधित योजनाओं पर|
  3. 2030 तक 100% शिक्षा का लक्ष्य रखा गया है इसके लिए 100% एनरोलमेंट हो इसका ध्यान रखा जाएगा|
  4. नई शिक्षा नीति के दायरे में वो सब क्षेत्र लाये गएँ हैं जहां पर बच्चों का पढ़ाई लिखाई से संपर्क हो रहा है| इस नीति में बच्चों कि विद्यालय शिक्षा के साथ, उच्च शिक्षा, कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को को भी समेटा गया है|
  5. पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धतियों को शामिल करने को बोला गया है|
  6. ‘राष्ट्रीय शिक्षा आयोग’ का गठन करने का भी सुझाव दिया गया है नई शिक्षा नीति में|
  7. प्राइवेट स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने से रोकने की सिफारिश भी की गई है नई शिक्षा नीति में|
  8. शिक्षा नीति में NRF (नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) को भी लेन की बात हुई है. इसमें न केवल साइंस बल्कि सोशल साइंस भी शामिल होगा. ये बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करेगा. ये शिक्षा के साथ रिसर्च में युवाओं को आगे आने में मदद करेगा|
  9. अभी स्कूल से दूर रह रहे दो करोड़ बच्चों को दोबारा मुख्य धारा में लाया जाएगा. इसके लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास और नवीन शिक्षा केंद्रों की स्थापनी की जाएगी.
  10. सामाजिक और आर्थिक नज़रिए से वंचित समूहों (SEDG) की शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा.
  11. उच्च शिक्षा के लिए एक सिंगल रेगुलेटर रहेगा. लॉ और मेडिकल शिक्ष को छोड़कर समस्त उच्च शिक्षा के लिए एक एकल अति महत्वपूर्ण व्यापक निकाय के रूप में भारत उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) का गठन किया जाएगा.
  12. एचईसीआई के चार स्वतंत्र वर्टिकल होंगे- विनियमन के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामकीय परिषद (एनएचईआरसी), मानक निर्धारण के लिए सामान्य शिक्षा परिषद (जीईसी), वित पोषण के लिए उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (एचईजीसी) और प्रत्यायन के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (एनएसी).
  13. एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य विशिष्ट श्रेणियों से जुड़े हुए छात्रों की योग्यता को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाएगा. छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों की प्रगति को समर्थन प्रदान करना, उसे बढ़ावा देना और उनकी प्रगति को ट्रैक करने के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार किया जाएगा. निजी उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने यहां छात्रों को बड़ी संख्या में मुफ़्त शिक्षा और छात्रवृत्तियों की पेशकश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
  14. ई-पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किए जाएंगे. वर्चुअल लैब विकसित की जा रही है और एक राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फ़ोरम (NETF) बनाया जा रहा है.

Reference:

https://aajtak.intoday.in/gallery/new-education-policy-board-exam-system-ug-know-what-will-change-nep-tedu-1-53827.html

https://www.bbc.com/hindi/india-53581084

https://www.timesnowhindi.com/education/article/know-how-your-childrens-education-will-change-with-the-new-education-policy-nep/305674

https://www.drishtiias.com/hindi/loksabha-rajyasabha-discussions/proposed-national-education-policy

https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF_%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE_%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF

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