हिन्दू , हिन्दू देवी देवताओं , मान्यताओं , पर त्यौहारों का बात बेबात अपमान करना , उन पर विवादित और अमर्यादित टीका टिप्पणी करने की प्रवृत्ति पिछले दिनों बहुत तेज़ी से बढ़ी है। सनातन धर्म की बढ़ती ताकत , हिन्दुओं के संगठित होते जाने तथा सत्ता और सरकार में एक प्रखर हिंदूवादी सरकार के आने से खार खाए लोग अब निम्नतम स्तर पर पहुँच कर जो कुछ भी कह और कर रहे हैं वो न सिर्फ समाज और देश को अस्थिर करने वाला है बल्कि एक गंभीर व् घृणित अपराध भी है।
ऐसा ही एक एक मामला हाल ही में छत्तीसगढ़ के जिला कोंडागांव में सामने आया है जहां चरण मरकम नामक एक आदिवासी शिक्षक ने हिन्दुओं के प्रति द्वेष में सारी हदें पार करते हुए , जन्माष्टमी के दिन स्कूल आए बच्चों से पूछ पूछ कर उन सभी हिन्दू बच्चों की पिटाई कर दी जिन्होंने कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत रखा हुआ था।
इतना ही नहीं , इस शिक्षक ने भगवान कृष्ण समेत , माँ गायत्री , भगवान विष्णु के बारे में भी बच्चों के सामने ही कई अपमानजनक टिप्पणियां करते हुए उन बच्चों को कक्षा से बाहर कर दिया जिन्होंने व्रत रखा हुआ था। बच्चों के माध्यम से जब ये बात गाँव वालों को पता चली तो वे आग बबूला हो गए और स्कूल प्रबंधन ने उस शिक्षक के विरुद्ध कार्यवाही की मांग करने लगे।
इस बीच बजरंग दल की स्थानीय ईकाई के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी से मिल कर उस शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई करने की भी मांग रखी। अंततः आदिवासी शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
ये बेहद अफ़सोस की बात है कि आज जब पूरी दुनिया में , मज़हब और कट्टरता के नाम पर आतंक और वहशत का नंगा नाच चल रहा है ऐसे में भी हिन्दू समाज अब भी भी जाति , उपजाति और जाने किन किन दायरों में खुद को बॉंट कर , खुद को ही निरंतर कमज़ोर करता चला आ रहा है और इसके लिए , आदिवासी इलाकों में लगातार धर्म परिवर्तन करवा रही ईसाई मिशनरियां पूरी तरह से जिम्मेदार हैं जिनपर अंकुश लगाना , और तत्काल लगाना बहुत ही अनिवार्य हो गया है।
पिछले कुछ समय में छत्तीसगढ़ , केरल तथा पंजाब में इन मिश्निरियों ने अपना जाल बहुत तेज़ी से फैलाया है। राज्य की सरकार , प्रशासन और पुलिस से संरक्षण प्राप्त होने के कारण ये सब बदस्तूर फैलता जा रहा है जिस पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है।
समाचार स्रोत : फलाना दिमकाना पोर्टल
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