इन दिनों आम आदमी पार्टी के ‘स्वीट’ नेता कहे जाने वाले राघव चड्ढा की सोशल मीडिया पर उनके एक बयान की वजह से खूब थू-थू हो रही है और #राघव चड्ढा माफी मांगों ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. देखा जाए तो अपना काम निकालने के लिए किसी को भी पहले फ्रंट में लाना और फिर काम निकल जाने के बाद साइन लाइन कर देना ये AAP का पुरानी फितरत रही है.
फ्री-फ्री के नाम दिल्ली की जनता को ठगने वाली आम आदमी पार्टी ने समाज के हर वर्ग की हितैषी होने का दावा किया था लेकिन धीरे-धीरे पार्टी की घटिया सोच जनता के सामने आ चुकी है और ये काम भी उनके अपने करीबी ही कर रहे हैं. दरअसल केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले राघव चड्ढा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो आदिवासी समुदाय के प्रति अपनी ओछी मानसिकता बताते हुए उनका मजाक बना रहे हैं ।
वायरल हो रही वीडियो में AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा आदिवासी जनजाति के लिए अपमान भरे लहजे का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं। वो आदिवासी मंत्रालय में काम करने को सजा मानते हैं। एक पोर्टल को दिये अपने इंटरव्यू में राघव चड्ढा कहते हैं- “आप किसी अधिकारी को नौकरी से तो निकाल नहीं सकते। उनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग ही कर सकते हो। अगर कोई बढ़िया काम कर रहा है, उसे अच्छा विभाग दो। उसे स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव बनाओ। जो खराब काम कर रहा उसे सजा पोस्टिंग के रूप में आदिवासी मंत्रालय भेजो।“ यह कहते हुए राघव चड्ढा बड़ी ही बेशर्मी से हंसते हुए भी दिखाई देते हैं।
Mr. @raghav_chadha’s negative remarks towards tribals is highly condemnable. It is sad to know that such poor thinking people got a place in the @wef 's Young Global Leaders List. He must apologise to the entire tribal community of the country. #Shame pic.twitter.com/d6amyytNSw
— Dilip Saikia (@DilipSaikia4Bjp) June 4, 2022
अपने इस बयान के बाद राघव चड्ढा बुरी तरह से ट्रोल हो रहे हैं , उन्हें इसके लिए चौतरफा आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है। आदिवासियों का अपमान करने को लेकर तमाम नेताओं के साथ-साथ आम जनता तक उन्हें जमकर लताड़ लगाती नजर आ रही है। दिल्ली बीजेपी ने राघव चड्ढा के बयान की निंदा करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी लोकतंत्र के लिए खतरा है अपने इस बयान के लिए राघव चड्ढा को आदिवासी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए .
दरअसल एक तरफ सासंद महोदय आदिवासी समुदाय पर ठहाके लगाते हुए उनका अपमान कर रहे हैं तो दूसरी तरफ खुद उन्हीं के अपने अरविंद केजरीवाल इसी आदिवासी समुदाय का वोट हासिल करने के लिए गुजरात में नया गेम खेलते हैं. तभी तो साल के आखिरी में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी ने भारतीय ट्राईबल पार्टी के साथ हाथ मिलाया है। दोनों पार्टियों ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान किया है। इसी से समझ जाइए कि केजरीवाल एंड पार्टी वोट पाने के लिए भोली-भाली जनता को किसी भी हद तक ठगने का काम कर सकती है और काम निकलने के बाद उनसे किनारा भी कर लेती है…
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