दिल्ली में टेंट में रहने वाले लगभग 1,100 रोहिंग्याओं को जल्द ही सभी सुविधाएं और 24 घंटे सुरक्षा से लैस फ्लैटों में शिफ्ट करने की कवायद तेज हो गयी है. मतलब रोहिंग्याओं को दिल्ली पुलिस के संरक्षण में EWS फ्लैट की सौगात जल्द मिलने वाली है . इस बात की पुष्टि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की ।
केंद्र सरकार में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने ट्वीट में लिखा “भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में ट्रांस्फर किया जाए जाएगा। वहां उन्हें मूलभूत सुविधाएं, यूएनएचसीआर आईडी और 24 घंटे दिल्ली पुलिस का संरक्षण प्रदान किया जाएगा।”
India has always welcomed those who have sought refuge in the country. In a landmark decision all #Rohingya #Refugees will be shifted to EWS flats in Bakkarwala area of Delhi. They will be provided basic amenities, UNHCR IDs & round-the-clock @DelhiPolice protection. @PMOIndia pic.twitter.com/E5ShkHOxqE
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 17, 2022
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया गया कि जिस परिसर में ये फ्लैट स्थित हैं, वहां सुरक्षा मुहैया कराएं और दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग को पंखा, तीन वक्त का खाना, लैंडलाइन फोन, टेलीविजन और मनोरंजन सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। कोविड के दौरान, एनडीएमसी ने बक्करवाला इलाके में इन फ्लैटों को दिल्ली सरकार को कोरोनावायरस संक्रमण के संदिग्ध मामलों को अलग करने के लिए दिया था। जुलाई के आखिरी हफ्ते में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया था.
वहीं इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ गुस्सा साफ देखने को मिल रहा है.
Shame @HardeepSPuri , @BJP4India ,
Lakh laanat— Bharat First (@amitsimi) August 17, 2022
Very shameful of the minister in ignoring the Hindu community who suffered and returned to India. @VHPDigital you guys should form political outfit with Hindu cause at the center.
— Singh bolda (@quarantinehoon) August 17, 2022
लोगों का गुस्सा गलत नहीं है , हाल के दिनों में हमने देखा है कि किस तरह से रोहिंग्या मुसलमानों ने दिल्ली एनसीआर के आस-पास अपनी जड़ें मजबूत की हैं। यह विडंबना है भारत में हिंदू शरणार्थी हासिये पर हैं और घुसपैठियों को तमाम सुविधाएं मिल रही है! रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे मुस्लिमों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसका इंतजाम करने के लिए खुद सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में भारत सरकार से जवाब तलब किया था। वहीं, दूसरी ओर वो हिंदू शरणार्थी हैं, जिनके शिविर में होने वाली पानी और बिजली की आपूर्ति केंद्र सरकार ने काट दी है। मजनू का टीला इलाके में रह रहे 700 हिंदु परिवार जो पाकिस्तान से भागकर भारत आए हैं, पिछले 5 सालों से बिजली आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। जिसकी सुध न तो केंद्र सरकार ले रही और न ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार।
वैसे दिल्ली की AAP सरकार ने भी रोहिंग्या शरणार्थियों की खातिरदारी करने में कोई कमी नहीं की. आपको याद होगा कि कोरोना काल में इन्हें मुफ्त राशन दिया गया। अमानतुल्लाह ने रोहिंग्याओं को राशन-पानी से लेकर जरुरत की चीजें मुहैया कराने में एड़ी-चोटी एक कर दी थी. जबकि आसपास में ही रह रहे स्लम बस्तियों में रहने वाले हिंदु परिवार दाने-दाने को मोहताज थे.
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