सनातन धर्म को नष्ट करने के विषय में ‘हेट स्पीच’ करने वालों पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?
भारत में संविधान और कानून का अस्तित्व होते हुए भी उदयनिधि स्टालिन, प्रियांक खर्गे जैसे मंत्री सनातन धर्म की डेंगू, मलेरिया, एच.आई.वी. इन रोगों से तुलना कर सनातन धर्म को ही समाप्त करने की अतिश्योक्तिपूर्ण तथा अर्बन नक्सलवादियों जैसी बातें कर रहे हैं । इसके भी आगे महाराष्ट्र में निखिल वागळे जैसे स्वयं को आधुनिकतावादी कहलानेवाले पत्रकार, राष्ट्रवादी कांग्रेस के जितेंद्र आव्हाड भी सनातन धर्म को नष्ट करने की भूमिका का समर्थन कर ‘सनातन धर्म देश को लगी दीमक है’, इस प्रकार के विषैले वक्तव्य कर रहे हैं । जबकि दूसरी ओर सर्वाेच्च न्यायालय ने 28 अप्रैल 2023 को दिए आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि कोई ‘हेटस्पीच’ कर किसी भी समाज की भावनाएं आहत करने का प्रयास करेगा, तो सरकार को शिकायत करनेवाले की प्रतीक्षा किए बिना स्वयं संज्ञान लेकर प्राथमिक शिकायत (FIR) प्रविष्ट करनी होगी । यदि इसमें सरकार विलंब करे, तो यह मा. सर्वाेच्च न्यायालय की अवमानना होगी । इतना स्पष्ट आदेश होते हुए भी 100 करोड समाज के सनातन धर्म के विरोध में वक्तव्य करनेवालों पर अभी तक अपराध क्यों प्रविष्ट नहीं किया गया ? इसी कारण सनातन धर्म की रक्षा हेतु तथा सनातन धर्म नष्ट करने के विषय में ‘हेटस्पीच’ करनेवालों के विरोध में ‘मैं सनातन धर्मरक्षक’ यह अभियान सर्वत्र चलाया जाएगा । इसके अंतर्गत सनातन धर्मियों में जागरूकता निर्माण करनेवाले व्याख्यान–बैठक आयोजित करना, तथा ‘हेटस्पीच’ करनेवालों के विरोध में अपराध प्रविष्ट करना, इस प्रकार के कृत्य किए जाएंगे, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने दी ।
सहिष्णुता, बंधुता तथा विश्वकल्याण हेतु सुपरिचित सनातन धर्म को नष्ट करने का अर्बन नक्सलवादी निरंतर षडयंत्र कर रहे हैं । सर्वप्रथम जे.एन.यू. में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के देश विरोधी नारे लग रहे थे । तदुपरांत ‘डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ नामक हिन्दुत्व को समाप्त करने हेतु परिषद आयोजित की गई । उस समय विरोध होने पर ‘हम हिन्दू धर्म का नहीं, राजनीतिक हिन्दुत्व का विरोध करते हैं’, ऐसा स्पष्टीकरण दिया गया । परंतु अब तो ‘सनातन धर्म’ को ही नष्ट करने की बातें की जा रही हैं । यह ओवैसी के 100 करोड़ हिन्दुओं को समाप्त करने के कथन से कैसे भिन्न है ? ‘हेटस्पीच’ के मुकदमे में, सर्वाेच्च न्यायालय के प्रतिज्ञापत्र में महाराष्ट्र के पुलिस महासंचालक ने बताया है कि 30 अपराध प्रविष्ट हुए हैं । उनमें से अधिकांश अपराध सकल हिन्दू समाज के ‘हिन्दू जनआक्रोश मोर्चा’ के हिन्दुत्ववादी वक्ताओं के विरोध में हैं । ये अपराध प्रविष्ट होने के पीछे अर्बन नक्सलवादियों से जुडे वामपंथी विचारधारा की तीस्ता सेटलवाड के संगठन ‘सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ का हाथ है; परंतु इस संगठन ने स्टालिन, प्रियांक खर्गे, निखिल वागळे, आव्हाड इत्यादि के विरोध में ‘हेटस्पीच’ का एक भी अपराध प्रविष्ट नहीं किया है । इस कारण कुल मिलाकर यह सब सनातन धर्म समाप्त करने का अर्बन नक्सलवादियों का षड्यंत्र है, यह स्पष्ट होता है । अतएव ऐसा षडयंत्र करनेवालों के विरोध में अपराध प्रविष्ट करने के साथ ही उनकी ‘एन.आई.ए.’ द्वारा जांच की जाए, ऐसी हिन्दू जनजागृति समिति की मांग है ।
इन अर्बन नक्सलवादियों का यह सनातन धर्म विरोधी षड्यंत्र सार्वजनिक करने तथा सरकार को उन पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य करने हेतु ‘मैं सनातन धर्मरक्षक’ यह अभियान समिति की ओर से सर्वत्र चलाया जाएगा तथा इसके अंतर्गत सनातन धर्म का महत्त्व बतानेवाले व्याख्यान लिए जाएंगे, ऐसा भी श्री. शिंदे ने कहा ।
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