तमिलनाडु के पुदुचेरी से श्रीलंका के रास्ते विदेशों में स्मगल करने के लिए छुपा कर रखी गई 74 पुरातन मूर्तियाँ आज तमिलनाडु की CB-CID की एक विशेष शाखा (जिनका काम ही भारत के मंदिरों से चुराई मूर्तियों की स्मगलिंग को रोकना पकड़ना है ) द्वारा ज़ब्त की गई |
इस विशेष शाखा की सुपरीटेंडेंट की अगुवाई में 20 सदस्यों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर ,जीन पॉल राजारथिनम जो एक फ्रांसीसी नागरिक है , के पुद्दुचेरी में स्थित पैतृक निवास पर , मजिस्ट्रेट द्वारा जारी सर्च वारेंट लेकर छापा मारा तो चोल कालीन ये अनमोल पुरातन मूर्तियों का ज़खीरा बरामद किया गया |
चोल साम्राज्य में निर्मित और तमिलनाडु के मंदिरों से चुराई गई इन मूतियों में से 14 ,पाषाण निर्मित हैं जबकि अन्य बेशकीमती धातु से निर्मित हैं | पांच मूर्तियाँ तो दुर्लभ पंचधातु की निर्मित हैं | इन दुर्लभ मूर्तियों को विदेशों में करोड़ों अरबों रूपए में बेचने के लिए कई वर्षों से तमिलनाडु के विभिन्न मंदिरों से चुरा कर जमा किया जा रहा था |
इत्तेफाक से ,ये राज्राथिनाम , उसी मैरी थेरेसे आनंदी वानिना , एक फ्रांसीसी नागरिक का भाई है ,जिसके कोलास नगर, पुदुचेरी स्थित निवास से वर्ष 2016 में सीआईडी की इसी विशेष शाखा द्वारा छापा मार कर ऐसी ही 11 प्राचीन ताम्रनिर्मित और करोड़ों रूपए के मूल्य की दुर्लभ मूर्तियाँ बरामद की गईं थीं | पिछले वर्ष ही इसे विदेशों में भारतीय मूर्तियों और बहुत सी अन्य प्राचीन दुर्लभ आकृतियों को चुरा कर स्मगल किये जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था |
ज्ञात हो कि , अभी हाल ही में , भारत से 42वर्ष पहले चुरा कर लन्दन ले जाई गई , श्री राम , श्री लक्ष्मण और माँ जानकी की ऐसी ही दुर्लभ मूर्तियाँ वहाँ पुलिस द्वारा बरामद करके भारतीय उच्चायुक्त के माध्यम से वापस भेजी गईं थीं | यहां सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये है की वर्ष 1947 से लेकर 2014 तक भारत से चुरा कर विदेश भेज दिए जाने वाली ऐसी दुर्लभ मूर्तियों में से जहाँ सिर्फ 13 मूर्तियों को वापस लाया जा सका था , पिछले 6 वर्षों में अब तक 40 ऐसी ही दुर्लभ मूर्तियाँ वापस लाई गई हैं |
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