इस महामारी की विपदा में ,हम भारतीयों के लिए बीच बीच में सुखद और सुकून देने वाली ऐसी खबरें /समाचार सामने आ जाते हैं जिसे देख /पढ़ और जान कर ऐसा लगता है कि ईश्वर स्वयं हिन्दुस्तानियों का सम्बल बढ़ाने के लिए ऐसा होने दे रहे हैं | 500 वर्षों की लम्बी लड़ाई के बाद अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर पुनर्निर्माण की शुभ घड़ी का दैवीय संयोग अभी बीता ही था की , राम भक्तों के लिए एक और खुशखबरी सामने आ गई |
अब से चार दशक पूर्व ,वर्ष 1978 में , तमिलनाडून के नागपटटनम जिले के स्थान अनंथमंगलम में स्थित ,विजयनगर साम्राज्य में निर्मित श्री राजगोपालास्वामी मंदिर से चुरा कर ब्रिटेन ले जाई गई , प्रभु श्री राम ,श्री लक्ष्मण और माता जानकी की दुर्लभ मूर्ति को भारत को वापस किया गया | इंडिया हाउस से प्रसारित एक भव्य कार्यक्रम में ,शुर मुरूगन मंदिर लन्दन के पुजारी द्वारा , ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने इसे भारत वापस लाने के लिए आधिकारिक रूप से ,संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल को सुपुर्द की |
यह मूर्ति जिसे अनंथमंगलम के विष्णु मंदिर से चुरा कर ब्रिटेन ले जाया गया की पुलिस को वापसी की दास्ताँ भी कम रोचक नहीं है | असल में जिस व्यक्ति के पास ये दुर्लभ मूर्तियां रखी हुई थीं ,उसने पॉण्डीचेरी के एक फ्रेंच स्कूल के 1950 के , संग्रहणीय तस्वीरों को देखते हुए अचानक ये पाया कि ये मूर्तियां हूबहू वही उन्हीं मूर्तियों जैसी हैं जो उसके पास हैं | मूर्तियाँ चोरी की जान कर उसने स्वयं पुलिस के पास जाकर इन्हें वापस किया |
ब्रिटेन के ही एक व्यक्ति (जिसने अपनी पहचान गुप्त रखी ) जो लगातार इन्हीं प्रयासों में लगे हुए हैं , उनकी इस सारे प्रकरण में बहुत बड़ी भूमिका रही | उस व्यक्ति द्वारा स्वयं ये मूर्तियां वापस कर दिए जाने के कारण , ब्रितानी पुलिस की उस व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्यवाही ना किये जाने की गुजारिश को भारत ने मान लिया है |
यहां सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये है की वर्ष 1947 से लेकर 2014 तक भारत से चुरा कर विदेश भेज दिए जाने वाली ऐसी दुर्लभ मूर्तियों में से जहाँ सिर्फ 13 मूर्तियों को वापस लाया जा सका था , पिछले 6 वर्षों में भारत वापस लाई जाने वाली ये 40वीं मूर्ति है |
यह जानकारी भी खुद भारतीय उच्चायुक्त सुश्री गायत्री कुमार ने ही हर्ष और गर्व सहित सबको दी | इसी से यह भी पता चलता है कि पूर्व की सरकारों ने भारत के प्राचीन गौरव , धर्म और संस्कृति के प्रतिमान , हमारे इष्टों की इन मूर्तियों को वापस अपने देश में लाने में कितनी घोर उदासीनता बरती थी |
वर्तमान मोदी सरकार , भारत और सनातन के इन गौरवमयी प्रतीकों को जल्द से जल्द वापस अपने देश में लाकर उन मंदिरों में स्थापित किये जाने के लिए बहुत अधिक गंभीर होकर प्रयास कर रही है और उनकी इस मुहिम और रुख को देखते हुए विदेशी सरकारें भी सकारात्मक सहयोग दे रही हैं |
तो प्रेम से से बोलिये , जय श्री राम | जय हिन्द | जय भारत
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