वामपंथी किरदार अक्सर हिंदू धर्म प्रतीकों की मजाक या आलोचना करते पाए जाते हैं। एक अखबार में काम करने वाली सुष्मिता सिंह ने तीज पर्व पर हिंदू भावना को आहत किया था और वीडियो बनाकर उस किताब से टॉयलेट साफ करने की बात कही थी। इसके बाद हिंदू आईटी सेल के सदस्य राजकुमार गुप्ता ने सुष्मिता सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई मगर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की। कोर्ट में अपने जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस शिकायत में पुलिस ने पाया है कि कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था।
दिल्ली पुलिस के गोविंदपुरी थाने से इसके बदले हिंदू आईटी सेल के सदस्य को एसएचओ से जवाब मिला कि सुष्मिता ने धार्मिक पुस्तक को टॉयलेट पेपर की तरह इस्तेमाल करके कुछ भी गलत नहीं किया है।
सोमवार को इस मामले में साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के समक्ष एक्शन टेकन रिपोर्ट दायर की गई। इस रिपोर्ट में बताया गया कि हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने के मामले में पत्रकार के खिलाफ अदालत में दायर शिकायत में कोई अपराध नहीं पाया गया है।
हैरान करने वाली बात है कि दिल्ली पुलिस को सुष्मिता सिंह के वीडियो में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा, जबकि वीडियो में सुष्मिता साफ साफ हिंदू आस्था पर प्रहार करती नजर आ रही है। दिल्ली पुलिस को यूपी पुलिस की नजीर को याद कर सीख लेनी चाहिए कि यूपी पुलिस ने हीर खान नामक महिला को आनन फानन में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। हीर खान ने हिंदू भगवानों को गाली देते हुए वीडियो बनाया था, ऐसे में सुष्मिता सिंह और हीर खान की कथनी-करनी से ये साफ है कि ये दोनों नफरती लड़कियां अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिंदू देवी देवताओं और त्योहारों का मजाक बना रही थीं।
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