कन्ग्रुस की मुख्यालय में सभी गणमान्य जानवर और पशु-पक्षी समय से पहले पहुँच चुके हैं l अपने प्राकृतिक स्वाभाव के विपरीत सभी शांतचित हैं l पार्टी आलाकमान नागिन तय समय के अनुसार बस अब पहुंचने वाली हैं, और सभी सदस्यों को संबोधित करेंगी l आज की बैठक बहुमूल्य इसलिए है कि हाल ही में एक गिलहरी को कुछ शेरों के बच्चों ने मिलकर मार डाला है l चुकीं प्रदेश और देश दोनों जगहों पर शेरों की सरकार है तो इसलिए आलाकमान नागिन चिंतित हैं कि कहीं पीड़ित गिलहरी के परिवार के साथ अन्याय ना हो जाय ! सभी प्रजातियों के प्रतिनिधि उल्लू , गधा , छछुंदर , गिद्ध और बिल्ली उत्साहित हैं l देश एकबार फिर से इनके पार्टी को चुने यही इन सब की इक्छा है l पार्टी में मात्र यही प्रजातियाँ शेष रह गए है , बांकियों को शेर दल ने अपने साथ मिला लिया है, तभी लगातार दो बार वे वनसभा में जीत चुके हैं l विधानसभा में कहीं कहीं ये जीते हुए हैं और डर है कि धीरे धीरे कन्ग्रुस दल कहीं विलुप्त ना हो जाये !

शाम के सात बजते ही आलाकमान नागिन ने दो लोमड़ियों के साथ हॉल में प्रवेश किया l सभी सदस्यों ने उठ कर अभिवादन में तालियाँ बजाई और उच्च स्वर में बोले – “नागिन तेरे बच्चे हम , तभी तो मन के सच्चे हम”l

नागिन ने लहराकर अभिवादन को स्वीकार किया और बोली – साथियों , देश अन्धकार में है l शेर दल ने देश में लुट मचा रखी है l अब कोई प्रजाति सुरक्षित नही है l आज की सभा मामूली सभा नही बल्कि फूंफकार सभा है l

नागिन जब हिंदी बोलती थी तो सदस्यों को समझने में थोड़ी कठिनाई होती थी , क्योंकि आलाकमान नागिन भारत की नही इटली की रहनेवाली थी l वो तो एक भारतीय उल्लू उड़ते उड़ते इटली पहुँच गया , प्रेम कर बैठा तो ब्याह कर ले आया l अंतरराष्ट्रीय विवाह में जाति या समजाति विशेष की अवधारणा को उल्लू ने ही सर्वप्रथम थोड़ा था l ये नया रिकॉर्ड उल्लू के सिवा और कोई बना भी नहीं सकता था ! अदभुत जोड़ी-उल्लू परिणय नागिन ! आज भी ये काम आप सिर्फ सिर्फ उल्लू प्रजाति को करते हुए पाएंगे ! किसी और के बस की बात ये है भी नहीं ! 

आलाकमान ने आगे कहा – हाथरस में जो जघन्य अपराध हुआ है , एक गिलहरी को जिस तरह से शेरों के बच्चों ने मिलकर बलात्कार किया , फिर जिह्वा काट ली और फिर निर्मम हत्या , यह बात हम सबसे पुराने दल होने के नाते वर्दाश्त नही कर सकते ! आज हम निर्णय लेंगे, कि हाथरस घटना की अगुआई हम में से कौन करेगा ? इस मुहीम में हमारा साथ ये दोनों मीडिया चेनलवाले देंगे l एक लोमड़ी बाजतक चैनल से हैं और दूसरी गिद्ध चैनल से ! तो आगे बढ़ने से पहले मैं बाजतक चैनल की एडिटर इन चीफ , कश्य्पी लोमड़ी से आग्रह करती हूँ की वह ताजातरीन समाचार से आपको अवगत करबा दें ताकि आगे स्ट्राटेजी बनाने में आप सभी को दिक्कत ना हो !

कश्य्पी लोमड़ी :- धन्यवाद नागिन जी ! दोस्तों , अभी तक जो जानकारी हमें प्राप्ति हुए हैं उनके आधार पर अपडेट यही है कि, प्रदेश मुख्यमंत्री ने कहा है – हाथरस में जो घटना हूई है उसमे आपसी रंजिश का मामला है , गिलहरी को किसी शेर के बच्चे ने नही बल्कि बिल्ली ने मारा है l ये बलात्कार की हवा विपक्ष पार्टी कन्ग्रूस की चाल है l जब बिल्ली खुद एक स्त्रीलिंग है तो फिर बलात्कार कैसे संभव है l मुख्यमत्री ने जिला प्रशाशन को आदेश दिया है की कोई भी मीडिया या नेता पीडिता के परिवारवालों से फ़िलहाल नहीं मिल सकते है !

यह सुनते ही सदस्यों के बीच में से उठकर बिल्ली बोली – ये क्या बात हुई कि बिल्ली ने मारा है ? ठीक है कि, हमारी शक्ल शेर प्रजातियों से मिलती जुलती है , लेकिन इसका क्या मतलब ? हमारी प्रजातियों ने मिलकर गिलहरी को मार डाला ! हमें इस मामले को कोर्ट तक ले जाना चाहिए ! सभी प्रजाति जानते हैं की बिल्ली प्रजाति या तो चुहिया मार कर खाती है या फिर मछली ! कभी कभार मनुष्यों के घर में दूध मिल जाय तो भाग्य हमारे !

आलाकमान :- ठीक है l आपकी बात सुन ली गई है l ये सब बाद में देखेंगे l कश्य्पी लोमड़ी ने तथ्य रख दिया है , अब आपलोग एक अगुआ का नाम दें l

अचानक गिद्ध चैनल की पत्रकार त्रिपाठी लोमड़ी बोल पड़ी – नागिन जी ,आपने पैसा मुझे भी दिया है l मेरे हिसाब से मुदित गधा से बेहतर कोई और अगुआई नहीं कर सकते ! गधा ही एक ऐसी प्रजाति है जिसपर भारी से भारी बोझ लाद दो लेकिन वह उफ़ तक नही करता l इस भार को मुदित गधा बखूबी उठा लेंगे !

मुदित गधा हडबडा कर उठ गया , आलाकमान से विनम्र स्वर में बोला – हे मां नागिन , आप तो जानते हैं की गधा कितना भी बोले उसकी कोई नही सुनता l दिन रात मैं ट्वीट करता हूँ , लेकिन सभी प्रजाति मुझे हड़का देते हैं l मैं तो प्रिये शाहूल उल्लू और बहन त्रियंका उल्लू के पीछे ही ठीक हूँ l मैं तो कहूँगा की इन दो महान उल्लू के पट्ठों को ही इस केस में हमारा नेता या अगुआ बनाया जाय l पूरा देश उमड़ पड़ेगा !

छछुंदर छरुर और गिद्ध तिवारी ने एक स्वर में कहा – हम सहमत हैं ! तय हुआ की शाहुल उल्लू और त्रियंका उल्लू के अगुवाई में सभी गधे पीछे पीछे जय जय करते हाथरस जायेंगे l मुदित गधे को ये भाड़ दिया गया की अपनी प्रजातियों में जाकर सभी गधों को अतिशीघ्र कुच के लिए तैयार करे l और लोमड़ीयों से कह दिया गया कि दिन रात ये चैनल पर ये खबर चलाये कि “सरकार विपक्ष को परिवार से मिलने को रोक रही है”l सभी प्रजाति ने जोर से दहाड़ा – अब होगा न्याय , अब और अन्धकार नही , शाहुल उल्लू आगे बढ़ो !

तय तिथि को शाहुल उल्लू निकल पड़ा हाथरस की ओर , पीछे पीछे गधों की भीड़ और आगे आगे दोनों लोमड़ी पत्रकार हाथरस मार्च को कवर करते हुए, सभी प्रजातियों तक लाईव न्यूज़ पंहुचा रही थी l चूँकि दिन का समय था तो शाहुल उल्लू को कुछ दिखाई नही पड़ रहा था , इसलिए वह धीरे धीरे चल रहा था l जब कश्य्पी लोमड़ी ने कहा- थोड़ा तेज चलिए सर , हमें जल्दी पहुचना है तो शाहुल उल्लू भड़क गया – तुम्हे पता तो है की मुझे अँधेरे में दिखाई देता है- दिन में नही ! फिर भी तंग कर रही हो !

यह सुनकर कश्य्पी लोमड़ी सकपका गयी l बात तो सच थी l पीछे नाचते गाते गधों को देखकर मन ही मन सोचने लगी – “ गलत पाले में आ गयी l इन गधों को तो अकल नही लेकिन मेरी मति क्यों मारी गयी जो ये छोटी सी बात मेरी समझ में नहीं आई ! आज इन गधों के साथ साथ मैं भी मरूंगी ! किसी तरह हाथ पकड़ कर वहां तक पहुंचा तो दूंगी लेकिन देर सवेर ये उल्लू गिरेगा ही और सब लीला ख़त्म !

वही हुआ भी ,पुलिस बेरिकटर के पास पुलिस वालों ने शाहुल उल्लू को रोका और अंधेपन के कारण वह गिर पड़ा l लोगों ने समझा नाटक है लेकिन सिर्फ शाहुल उल्लू और कश्य्पी लोमड़ी जानते थे की – दिन में उल्लू को तो गिरना ही था !

_दिशवWrites

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