महाराष्ट्र के पालघर में जिस तरह से साधुओं की लिंचिंग करके बर्बर हत्या की गई थी उसके बाद से पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। पूरा देश लगातार उद्धव सरकार से मांग करता आ रहा है कि इस मुद्दे की सीबीआई जांच कराई जाए और दोषियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दी जाए मगर उद्धव सरकार का लचर रवैया लगातार दोषी पुलिसवालों और दोषी हमलावरों को बचाने के ही काम आ रहा है। 
ऐसे में एक बार फिर से सोशल मीडिया पर देश की जनता जबरदस्त मांग कर रही है कि #पालघर_बाकी_है..

इस ट्रेंड के द्वारा सोशल मीडिया पर जनता आवाज उठा रही है कि पालघर के साधुओं की आत्मा को अभी तक इंसाफ नहीं मिला है क्योंकि दोषियों को अब तक सजा नहीं दी गई है।

आज भी वह बर्बर दृश्य याद कर रूह कांप जाती है कि किस तरह सैकड़ों लाठियां उन बूढ़े भगवाधारी साधुओं पर बरस रही थी और कायर पुलिस वाले हाथों में उद्धव सरकार की चूड़ियां पहन कर उन साधुओं को मौत के मुंह में धकेल रहे थे। 


गंगा ,गाय, संतों के इस देश में अगर सनातन परंपरा के भगवाधारी प्रतीकों का क्षय होने लग जाए तो ऐसे में देश की जनता को सामूहिक तौर पर एक मुकम्मल आवाज बुलंद करनी ही चाहिए जिसके जरिए 70 साल से हुक्मरानों के कानों पर पड़ा हुआ सेकुलरवाद का पर्दा फट सके।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.