मोदी सरकार द्वारा लाए गई जिस नए कृषि कानून और उससे होने वाले काल्पनिक नुकसान का डर दिखा कर कांग्रेस और वामपंथी देश विरोधी ताकतों के साथ पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर से केंद्र सरकार ,पुलिस और प्रशासन के लिए न सिर्फ मुश्किलें पैदा कर रहे हैं बल्कि आंदोलन और प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाने का काम भी कर रहे हैं।
इन सबसे अलग देश के अधिकांश राज्यों के कृषक जहां एक तरह अपनी खेती बाड़ी , धान , मक्का सरसों ,सोयाबीन , दलहन ,तिलहन की खेती में न सिर्फ जुटे हुए हैं इसके साथ ही नए कृषि कानून के लागू होने के बाद बिचौलियों , आढ़तियों की कमीशनखोरी और मनमानी से मुक्त होकर लाखों करोड़ों रुपए के मुनाफे कमाना भी शुरू हो गए हैं।
महाराष्ट्र के सिर्फ चार जिलों के सोयाबीन किसानों ने , नए कृषि कानूनों के लागू होने के तीन महीने के अंदर ही 10 करोड़ से अधिक का मुनाफा अब तक कमा लिया है। असल में महाराष्ट्र कृषि एवं खाद्य निगम , जो कि पहले इन चार जिलों में सोयाबीन की कीमतों को न सिर्फ नियंत्रित करता था बल्कि उसके बनाए नियमों की विवशता में किसानों को अपनी फसल भी सिर्फ इन्हें ही बेचना पड़ता था।
सरकार द्वारा लाए गए नए कानून के कारण , महाराष्ट्र कृषि एवं खाद्य निगम की ये मनमानी ख़त्म हुई ही साथ ही सोयाबीन किसान स्थानीय आढ़तियों और बिचौलियों के चंगुल में फँसने से भी , अब बच रहे हैं।इसके अलावा मंडी तक कृषि फसल को लाने पहुंचाने का व्यय और मण्डी कर से भी छुटकारा मिल गया है। इसका सीधा लाभ सोयाबीन की खेती करने वाले महाराष्ट्र के चार जिलों के किसानों को मिलने और दिखने भी लगा है।
मराठवाड़ा क्षेत्र के किसानों ने सीधे एग्रो इंडस्ट्रीज़ प्राइवेट लिमिटेड को अपनी सोयाबीन की फसल अपने द्वारा ही तय किए के दाम पर बेच कर पिछले तीन महीनों में ही दस करोड़ का फायदा अपने परिवार वालों के लिए कमा कर एक मिसाल कायम कर दी है और ये सबक , एक सीख है उन तमाम किसानों के लिए जो किसी और के बरगलाए , भरमाए जाने ,और उकसाने पर अपने खेत खलिहानों को छोड़ कर सड़कों पर बिना किसी प्रतिनिधि , बिना किसी योजना के सरकार को कोसने के लिए देश विरोधी ताकतों के हाथों की कठपुतली बन कर टेलीविजन पर तमाशा भर बन कर रह गए हैं।
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.