प्रधानमंत्री मोदी ने कल देव दीपावली के अवसर पर अपने ससंदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया और वहां लेजर शो के जरिये पूरे परिक्षेत्र के अनुपम दृश्य का अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर काशी को कई बड़ी सौगातें दी।उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग 19 के वाराणसी – प्रयागराज खंड पर छः लेन की चौड़ीकरण परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री देव दीपावली के अवसर पर बम भोले के धुन पर थिरकते भी नजर आएं क्योंकि उन्होंने जो सपना पांच वर्ष पहले देखा था कहीं न कहीं वह पूरा होते दिख रहा था।
काशी जो हिंदू धर्म के लोगों के लिए एक धार्मिक स्थान हैं जो एक तरह से आध्यात्मिक राजधानी के रूप में जानी जाती है ,पिछली सरकारों में इस पवित्र स्थान की बहुत दुर्दशा हुई थी। कांग्रेस सरकार में हिन्दू धार्मिक स्थलों के साथ पहले से ही सौतेला व्यवहार होते आया था।
इसलिए प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने काशी के सांस्कृतिक विकास को विशेष प्रमुखता दी जिसके फलस्वरूप आज काशी विश्व स्तर पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का उत्तम उदाहरण बन गया है।
लेकिन हमेशा से वोट बैंक की पॉलिटिक्स करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को देव दीपावली के पावन अवसर पर किया गया आयोजन भी ढोंग नजर आया उन्होंने किसानों की आड़ में हिंदुओं के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचातें हुये इसे ढोंग करार दे दिया।
अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में इन्होंने हिन्दू धार्मिक स्थलों जैसे अयोध्या ,मथुरा काशी के विकास के लिए इन्होंने एक रुपया तक खर्च नही किया जबकि उत्तर प्रदेश में कब्रिस्तानों की चारदीवारों की मरम्मत के लिए 500 करोड़ आवंटित कर दिए इतना ही नही इनके कार्यकाल में हर साल सैफई में करोड़ो रूपये नाचने गाने में खर्च कर दिए जाते थे।
अगर प्रधानमंत्री मोदी किसी अल्पसंख्यकों के कार्यक्रम में गए होते तो क्या अखिलेश यादव इसके खिलाफ बोलने की जुर्रत करते? बिल्कुल नही करते क्योंकि इससे उनका वोट बैंक नाराज हो जाता ।
अभिनव त्रिपाठी
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