जे बात ! अब हुई न बात चौधरी टिकैत जी वाली। हाँ नहीं तो , बहुत हो गया थोड़े थोड़े दिनों में आंदोलन , प्रदर्शन स्टंट आदि करने का इवेंट आयोजन , इन मीडिया वालों को कुछ न कुछ चाहिए तभी ये आएँगे दिखाने हमें। अब यो ना चालेगा भाई जी।

अब तो किसानों के सबसे महान सर्वकालिक नेता , उनके दुःख दर्द के हमकदम श्री महेंद्र सिंह टिकैत जी आंदोलन वाले ने साफ़ साफ़ शब्दों में और वो भी कैमरों के सामने मीडिया की आँखों में आँखें डाल कर हड़का कर धमका कर कह दिया है -भाई तुम भी किसान हो लो थोड़े दिन , हमारे साथ हमारा ही रूप धर लो , नहीं तो अगला नंबर तुम्हारा ही है -तुम्हे तो पता है कि -हम बक्कल तार देते हैं बक्कल , समझे।

किसानों के नाम पर पिछले एक साल टिकैत और उनके सहयोगियों ने पूरे देश प्रदेश में जो अव्यवस्था अराजकता फैला रखी है , असल में उसे लालकिले पर किए गए स्टंट , आयोजनस्थल पर बलात्कार जैसे अपराध और पुलिसवालों पर किए गए हिंसक हमले के तुरंत बाद ही शासन प्रशासन के हस्तक्षेप से नियंत्रित करके समाप्त कर देना चाहिए था , लेकिन सरकार जिस पर पहले ही असहिष्णु हो जाने का आरोप लगाया जाता रहा था उसने शायद धैर्य से काम लेना ही ठीक समझा।

देखिए लिंक पर क्लिक करके वो वीडियो जिसमें सीधा सपाट मीडिया को धमकाया जा रहा है कि हमारी तरफ हो जाओ नहीं तो अगले निशाने पर तुम सब ही हो।

https://twitter.com/ManishSharmaKJ/status/1442763577836773377

असल में लगातार अलग अलग टीवी चैनलों पर दिए गए साक्षत्कार में , टिकैत का आचरण , व्हवहार , ज्ञान और सबसे अधिक किसानों के प्रति कल्याण भाव वाली नीयत तथा मौजूदा संशोधन के प्रभाव परिणाम के बारे उनकी जानकारी सब कुछ धीरे धीरे लोगों के सामने आ गई। रही सही कसर मीडिया खुराफातों और सोशल नेट्वर्किंग पर उनके ढके छिपे वीडियोज़ ने पूरी कर दी।

अब ऐसे में महेंद्र सिंह टिकैत करें तो क्या करें ?? सामने चुनाव है , उधर भी बहुत सारा धन , ध्यान , श्रम ,बाहुबल लगाया जाना है तो फिर दिन रात मीडिया भी तो चाहिए ही न। सो उनके प्यार से धमकाने का मतलब यही था कि -फुटेज बराबर चाहिए और वो देनी पड़ेगी।

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