सिद्धू देश के लिए ख़तरा हैं -कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने जब ये बात कही थी तब ये किसे पता था कि वो जिस देश की बात कर रहे हैं वो असल में पंजाब कांग्रेस है और सबसे ज्यादा ख़तरा उसे सिद्धू से ही है।

हालांकि सिद्धू शुरू से ही ठोको ताली मारो मुक्का वाले अंदाज़ में बैटिंग और राजनीति दोनों करते रहे हैं , एक ही शायरी बीस जगह चिपका कर सबको खुश करने की हनक में पिछले दिनों अपने ही राज्य के कप्तान और वो भी फौजी कप्तान से उलझ गए और जोर से हाथ मार मार कर बोल गए कि -ईंट से ईंट बजा दूँगा।

दिन रात बयानबाजी करके और आला कमान के पास सारे तीर कमान प्रयोग करने का परिणाम ये रहा कि पार्टी के कद्दावर और लोकप्रिय नेता कैप्टन अमरेंद्र सिंह को न सिर्फ मुख्यमंत्री पद छोड़ने पर विवश किया गया बल्कि जिस अंदाज़ और जिस व्यवहार के साथ एक वरिष्ठ राजनैतिक नेता को अपमानित करके पद छोड़ने पर मजबूर किया वो सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है। फिर चाहे ये अरमान सिद्धू जी का रहा हो या खुद राहुल प्रियंका का।

कांग्रेस एक बहुत ही प्रयोगधर्मी पार्टी है , पंजाब से कैप्टन अमरेंद्र सिंह को मुख़्यमंत्री पद से हटा दिया , क्यूंकि सिद्धू ने ईंट से ईंट बजाने का बिगुल फूँक रखा था , मगर कैप्टन के हटने तक भी और उसके बहुत बाद तक भी ये नहीं सोचा था कि ये नहीं तो फिर कौन ? लॉटरी चरणजीत चन्नी के नाम की निकली और शपथ भी उन्होंने ले ली। मगर लाख कोशिशों के बावजूद भी अपने कंधे कमर और गले पर से सिद्धू का हाथ नहीं हटा पाए।

लोगबाग कह रहे हैं कि अब जबकि सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस का वही हाल कर दिया है जो राहुल ने कांग्रेस का किया है तो फिर उन्हें कांग्रेस में और भी बड़ी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए -कम से कम कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा तो बनाया जाना बनता ही है।

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