अभी कुछ समय पहले तक , बॉलीवुड के आमिर खान , पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी , अबदुल्ला , मेहबूबा , ओवैसी , मुनव्वर आदि जैसे तमाम मासूम मुगलों को यकायक ही भारत में अपने और अपनी कौम के लिए घनघोर खतरा सा महसूस होने लगा था ?? सब तरफ चीख पुकार , कोई चिट्ठी पत्री लिख लिख कर अपना डर दिखा रहा था तो कोई पुरस्कार वापसी करके। किसी को नागरिकता संशोधन कानून से कठिनाई थी तो कोई जम्म्मू कश्मीर को दोबारा से नर्क की हालत में पहुंचाने को बेताब दिखा।

भारत और भारत के वे लोग जिन्होंने हज़ारों सालों तक , अपने , अपने देश , अपनी संस्कृति , विरासत पर जाने किन किन आतांताइयों और बर्बर आक्रमणकारियों से लेकर धूर्त और लालची अंग्रेजों तथा अन्य विदेशियों को भी बर्दाश्त किया , वही भारत और उसके लोग अचानक से एकाएक असहिष्णु हो गए। दुनिया में मुगलिया वशंजों द्वारा ऐसा हो हल्ला मचाया गया मानों उनके क़यामत का दिन बस आ ही पहुँचा हो।

इस बीच , दुनिया का सबसे मक्कार और स्वार्थी देश अमेरिका और उसके हुक्मरानों ने एक बार फिर से अपने चरित्र को दोहराते हुए , अफगानिस्तान में दो दशकों तक अपनी सेना के संरक्षण में अफगानियों को नए सपने , नई व्यवस्था का ख्वाब दिखा कर अचानक ही , भागते भूत की लंगोटी संभालने के अंदाज़ में वहां से रातों रात अपने हथियार साजो सामान और पालतू श्वानों तक को छोड़ कर भाग खड़े हुए . इससे पहले भी चीन द्वारा कोरोना वायरस को एक रासायनिक हथियार की तरह उपयोग करने संबंधी प्रयोग और अनुसंधान करने वाले वुहान लैब में अमेरिका द्वारा गुपचुप तरीके से लगाए गए पैसे का सारा भांडाफोड़ होने पर अमेरिकी धूर्त्तता का असली चेहरा दुनिया के सामने आया था .

इन सबसे अलग सोचने वाली बात तो ये भी है की भारत में दशकों से रहने वाले , न सिर्फ रहने बल्कि अपार दहैं , मां-सम्मान , संपत्ति , लोकप्रियता हासिल करने वाले तमाम मुगल , आमिर , हामिद , अब्दुल्ला , मेहबूबा , मुनव्वर आदि जिन्हें अचानक ही एक राष्ट्रवादी सरकार के सत्ता में आते ही चारों तरफ कयामत नज़र आने लगी और ये डारे हुए लोग भारत छोड़ कर जाने जैसे बातें करने लगे तो -अब जबकि उनके बिरादरों /तालिबानियों की सत्ता स्थापित हो गई है , उनका अपना शरीया मुलुक , बनाया जा रहा है तो वहां जाकर नए मुहल्ले ,कबीले बसने की बात तो दूर , ये लोग तो बेचारे खुल कर अपने चिचा , वालिद की तारीफ भी नहीं कर रहे हैं . पूरी दुनिया में 56 मुलुक वाले , फिर भी डरे हुए मुगल , अजी हाँ .

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