आमिर खान तुर्की में हैं। तुर्की की प्रथम महिला के दरबार में हाजिरी बजा रहे हैं। वो ही आमिर खान जिसने भारत आये इजरायल के प्रधानमंत्री से मिलने से मना कर दिया , क्योंकि इजराइल एक काफिर देश हैं। ।

तुर्की जहां का राष्ट्रपति खुलेआम इस्लामिक राज्य स्थापित करने के सपने देख रहा हैं, तुर्की जिसने कश्मीर में आतंकवादियों का साथ देने की घोषणा की हैं, तुर्की जहां दुनिया भर में इस्लामिक आतंक फैलाने की साजिशें रची जा रही हैं, वहां सुकून से बैठे हैं आमिर खान

आमिर खान का तुर्की जाना एक संदेश हैं, कश्मीर के बारे में, एक संदेश हैं इस्लामिक सोच के बारे में और खलीफा और ख़लीफत को मानने की सोच हैं।

ये वहीं आमिर खान हैं जो भारत से धन, यश, समृद्धि सब कमाने के बाद भी रोता हैं कि भारत में डर लगता हैं। ये आतंकियों के मुल्क में खुशी से बैठा हैं। ये वहां आमिर खान हैं जिसने PK मूवी के माध्यम से हिंदुओ के प्रति जहर फैलाने की कोशिश की थी।

आज आमिर खान ने एक बार फिर वो ही सवाल खड़ा कर दिया कि भारत से सबकुछ पाने के बावजूद दिल में इस्लामिक शासन के समर्थन की मजबूरी क्यों?

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