पता नहीं हमारी शिक्षा संस्थान में बैठे हुए लोगों को सद्बुद्धि कब आएगी । पिछले 70 वर्षों में लेफ्ट प्रोपेगेंडा की मशीनरी इस कदर देश के हर संस्थान में बैठी हुई है कि उसके दाग धोने में अभी अगले 50 साल लगेंगे। अभी हाल ही में आईआईटी दिल्ली ने 30 जनवरी को अपनी एक प्रोग्राम में लेफ़्टिस्ट झूठी खबर फैलाने वाले अशोक सवैन और लेफ्ट छात्र संगठन आइसा की कमलप्रीत कौर को बुलाने का फैसला किया। अब यह जाहिर सी बात है जहां लेफ्ट प्रोपेगेंडा फैलाने वाले दो झूठे लोग जाएंगे वहां किसके खिलाफ बोलेंगे।

ऐसे में अशोक स्वैन और कमलप्रीत कौर को आईआईटी दिल्ली में बुलाए जाने पर जनता ने सोशल मीडिया पर खूब विरोध दर्ज किया और अब आखिरकार आईआईटी दिल्ली को जनता के दबाव के आगे झुकना पड़ा और इस आयोजन को रद्द कर दिया गया है।

अशोक स्वैन फेक न्यूज फैलाने, झूठ फैलाने और हिंदुओं के प्रति घृणा के लिए कुख्यात हैं। साल 2018 में उन्होंने कहा था कि भारत सरकार राजनीतिक फायदे के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष पैदा कर रही है। इस दावे को पाकिस्तानी मीडिया ने खूब हवा दी थी। इस पर स्वैन ने बड़े गर्व से कहा था कि उनका ट्वीट पाकिस्तानी मीडिया के प्राइम टाइम शो में शामिल किया जा रहा है।इतना ही नहीं, पुलिस द्वारा फेक न्यूज बताने के बावजूद उन्होंने यह झूठ फैलाया था कि मुस्लिम युवक द्वारा जय श्रीराम नहीं कहने पर हिंदुत्ववादियों ने उसे आग के हवाले कर दिया।

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