बिहार एक ऐसा राज्य जो प्रवाशियों के प्रदेश से भी जाना जाता है।
प्रदेश में चुनावी सरगर्मी है। नेता अपने अपने हिसाब से वोट बैंक के फिक्स डिपोजिट 5 वर्षीय योजना के आधार पर एक बार घोषणा दो और 5 साल के लिए कुम्भकरणी निंद्रा में चले जाओ की वही घिसी पीटी राजनीतिक वादों के साथ मैदान में उतर चुकी है।
चुनाव हो और जातीय समीकरण की गणित पर अनुसंधान ना हो यह अपने आप में एक बहुत बड़ा असत्य है।
सीट बंटवारे की बात हो तो महिला सीट को छोड़ कर नीतीश कुमार जी ने 2 ब्रह्मण उम्मीदवारों को भी मौका दिया है जो अपने आप में एक मिशाल है।
नीतीश जी ने 2 सीट दे कर जो ब्राह्मणों पर उपकार किया है उसके लिए जब तक दुनिया का वजूद रहेगा ब्राह्मण समाज नीतीश कुमार जी के इस उपकार को भूल नहीं पायेगा।

जन जन की बात
अमित कुमार के साथ।

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