जब चीज़ें बदलती हैं तो स्वाभाविक रूप से उनके साथ बहुत कुछ बदल जाता है | फिर ये तो एक पूरा देश ही बदलने को तत्पर है | वो भी , वो देश जो दशकों तक उपेक्षित और सुसुप्त ही रहा है | न अपनी धरती का ज्ञान ,न उसकी महत्ता का भान , न सनातन संस्कृति से पहचान |

पश्चिमी सभ्यता से आयातित परम्पराओं की केंचुली ओढ़ कर खुद को इस देश में रहने वाले लोगों से विशिष्ट बताते और समझते लोगों ने देश की बहुत बड़ी आबादी को विशुद्ध रूप से बाज़ार बना डालने के लिए , भारतीय रीति रिवाज़ों , परम्पराओं ,त्यौहारों ,मान्यताओं को पिछड़ा कमज़ोर जान और समझ कर इन सब पर पाश्चात्य आधुनिकी का लेमिनेशन चढ़ा दिया |

बाजार के दुकानों की सूचना पट्टिका से लेकर छोटी छोटी वस्तुओं तक पर अंग्रेजी सभ्यता या उसके वर्तमान पिट्ठुओं का राज | शॉपिंग मॉल्स में भी सैंटा , क्रिसमस ट्री आदि की जबरन घुसपैठ करवा कर हिन्दू बाहुल्य देश में ये क्रिश्चियन प्रोड्कट की एंट्री का खेल बरसों से खेला जा रहा था |

मगर जो बरसों से होता आ रहा था , वही तो अब नहीं हो रहा | कभी सैंटा , पीटर , क्रिसमस ट्री से गुलज़ार आज के शहर ,मार्केट कॉम्प्लेक्स ,शॉपिंग मॉल आदि में प्रभु जय श्री राम और उनका स्थान शोभायमान है |

मॉल प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया कि , देशबन्दी के कारण बंद पड़े मॉल्स जब खुले भी तो बहुत ज्यादा लोगों ने आना शुरू नहीं किया | मगर फिर अचानक से किसी ने किसी मॉल में प्रभु श्री राम के बनने वाले मंदिर की बनी किसी स्थान पर लगी हुई प्रतिमूर्ति की फोटो साझा की , उसके बाद तो जैसे होड़ लग गई |

प्रभु श्री राम , राम परिवार , भगवान् विष्णु , चक्र आदि सैकड़ों ऐसे संनातन देवी देवता और प्रतीकों को इन मॉल्स के बीच में लगा देने से पूरे मॉल का आकर्षण ही बदल दिया है | बाहर से आने वाले लोग सबसे पहले यहीं पहुँच कर इन्हें देखना चाह रहे हैं , पूरे दिन इनके पास खड़े हो कर लोग सेल्फी ले रहे हैं |

बाहर से आने वाले तो दूर , स्वयं मॉल्स के कर्मचारी गण भी पूरे दिन में 4 से 5 बार इन प्रतिमूर्तियों के आसपास जाकर समय बिताते हैं |

इनके प्रतिमूर्तियों के सबसे नजदीक की दुकानों के मालिकों ने बताया कि , भगवान् की प्रतिमूर्ति लगाने से एक गजब का सकारात्मक संतोषजनक सा माहौल बन गया है और इससे व्यापार पर भी फर्क पड़ा है |

ये चलन धीरे धीरे जोर पकड़ता जा रहा है और इसी बहाने से हिन्दुस्तान में सनातन की जय जय हो रही है |

जय हिन्द | जय भारत |

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