मुनव्वर फारूकी ने हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाया और कोर्ट के द्वारा उसे 13 जनवरी तक हिरासत में भेजा गया है। बेशक उसे हिंदू लोगों ने पकड़ा और भगवान पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के चलते उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया जबकि याद कीजिए कमलेश तिवारी के हत्याकांड को जिसमें उन्होंने केवल आजम खान को जवाब देने के लिए महज टिप्पणी की थी और फिर उसके बाद उनको कोर्ट से सजा भी हुई और फिर कट्टरपंथी ताकतों के द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।


यहीं फर्क है जो बताता है कि किस तरह से हिंदू देवी-देवताओं के अपमान पर भी हिंदू लोगों के द्वारा अपराधी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया वहीं दूसरी तरफ दूसरे मजहब के लोगों के द्वारा सरेआम कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई। 

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