स्वदेशी टूटर ने उड़ाई सबकी नींद…. सोशल मीडिया पर बना सबसे चर्चित हिंदुस्तानी प्लेटफार्म ।।

वैसे तो पिछले दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में खासतौर पर ट्विटर को लेकर जिस प्रकार का महासंग्राम देखने को मिल रहा है वह कहीं ना कहीं व्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर रहा है जिस प्रकार से पिछले दिनों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को ट्विटर ने सस्पेंड कर दिया उसके बाद फेसबुक ने डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया उसके बाद जिस प्रकार से अमेरिका के राइट विंग के लोगों के अकाउंट सस्पेंड किए गए उससे कहीं ना कहीं यह प्रतीत हो रहा था कि ट्विटर भी अपनी तरफ से राजनीति करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है वैसे देखा जाए तो हम सब परिचित हैं हिंदुस्तान के अंदर रहकर टि्वटर और गूगल ने ना केवल जम्मू कश्मीर के नक्शों को हिंदुस्तान के नक्शे से अलग करने की गुस्ताखी की है बल्कि हिंदुस्तान के अंदर तमाम उन वामपंथी विचारधारा तथा वामपंथी विचारधारा ओं के ऊपर टिके रहने वाले लोगों के अकाउंट को प्रमोट करके एक नई राजनीति को जन्म देने का प्रयास किया है ट्विटर पर अक्सर आप देखेंगे कि लेफ्ट विंग के लोगों के अकाउंट को वेरीफाई कर दिया जाता है तथा फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर उन्हें हिंदुस्तान के सत्ता में बैठे प्रधानमंत्री से लेकर हिंदुस्तान के किसी भी व्यवस्था पर बोलने की खुली छूट दी जाती है फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर देश के आंतरिक मसलों पर बोलने का खुला खुला अधिकार ट्विटर फेसबुक वन माध्यमों द्वारा समय-समय पर दिया जाता रहा है जिसकी बदौलत देश के अंदर अशांति फैलने का कार्य तो हुआ ही है साथ-साथ दंगे फसाद होने की स्थिति अभी पैदा हुई है आज हिंदुस्तान में करीबन 25 से ज्यादा वामपंथी स्वतंत्रता के अधिकारों के तहत फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर जेलों में बंद है क्योंकि उन्होंने हिंदू देवी देवताओं देश के संविधान देश की सत्ता में बैठी सरकार और ना जाने कैसे-कैसे मसलों पर अपनी राय रखी जो की पूर्ण रूप से गलत थी असंवैधानिक थी और इन सब हरकतों को प्रोत्साहित करने का कार्य किया ट्विटर जैसे माध्यम ने….

आज जब टूटर नाम का सोशल प्लेटफार्म जो कि पिछले कई महीनों से बाजार में है अपनी शुरुआत के पहले दिन से इसे स्वदेशी मुहिम का नाम देते हुए हिंदुस्तान के राइट विंग के कहे जाने वाले लोग जिसे राष्ट्रीय भाषा में कहें तो राष्ट्रवादी लोग उन लोगों के माध्यम से इस प्लेटफार्म को खड़ा किया गया और फिर धीरे-धीरे अपील अगस्त 2020 से इस प्लेटफार्म पर जुड़ने के लिए की गई अब तकरीबन एक लाख से ज्यादा सदस्य इसमें जुड़ चुके हैं और इसका मुख्य आकर्षण इस बात से है कि जहां राष्ट्रवादी लोगों को टूटर पर वेरिफिकेशन का बैज नहीं मिलता था यहां इस प्लेटफार्म पर उन्हें आसानी से कम मेहनत पर बैज मिलना शुरू हो गया जिससे एक अलग प्रकार की पहचान पाकर सामाजिक कार्यकर्ता काफी उत्साहित है और इस स्वदेशी मंच टूटर के माध्यम से अपने विचारों को प्रभावित करने में पिछले कई महीनों से लगातार लगे हुए हैं

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर टूटर द्वारा एक विशेष आकर्षण यह रहा कि हिंदुस्तान के तमाम प्रख्यात लोगों के अकाउंट खोल दिए गए और उन्हें वेरीफाई कर दिया गया तथा ट्विटर पर उनकी जो भी ट्वीट होती थी उसको ऑटोमेटिकली टूटर पर भी पोस्ट किया जाता रहा इसके पीछे कहीं ना कहीं टूटर पर पोस्ट किया जाता रहा यहां टूटर का जो इरादा था वह यह था कि निकट भविष्य में जब प्रख्यात व्यक्ति ट्विटर की तरफ अपना रूख करेगा तब उसका अकाउंट या हैंडल सुरक्षित उसको मिल जाए इस प्रकार का प्रयास टूटर द्वारा किया गया

जब डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड हुआ तब टूटर के सीईओ नंदा ने यह बात अनाउंस करके कहीं की जो तानाशाही डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई है उस तरह की तानाशाही ट्विटर हो सकता है 2024 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ भी करें लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि हम इस स्वदेशी मंच टूटर के माध्यम से इस तरह का प्लेटफार्म खड़ा कर देंगे कि कहीं अगर ट्विटर में ऐसी कोई हरकत की तो भी उसका ज्यादा असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ना पड़े इसके बाद ट्विटर अपने आप में बैकफुट पर आता दिखाई दिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्विटर को लेकर लोगों की एक नकारात्मक राय बनती गई तो ट्विटर पर कुछ यूजर जिन्होंने टूटर को टारगेट करते हुए जो अकाउंट प्रतिष्ठित व्यक्तियों के थे जिन्हें टूटर द्वारा वेरीफाई कर दिया गया उन्हें अकाउंट के वेरिफिकेशन पर सवाल उठाते हुए आज भारतीय जनता पार्टी के आईटी हेड अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा कि बीजेपी के किसी राज्य या किसी व्यक्ति का टूटर पर कोई अकाउंट नहीं है वह सेल्फ ऑपरेटेड अकाउंट है जबकि दिल्ली के कद्दावर नेता खुराना, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य बहुत सारे भारतीय जनता पार्टी के बड़े लीडर हैं जो पहले से ही टूटर पर आ चुके हैं और इस बात की घोषणा व अपने ट्विटर एकाउंट से कर चुके हैं

आज सुबह से जब ट्वीटर पर टूटर को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के ना होने की बात को प्रमुखता से रखते हुए ट्रोल करने का माहौल देखा तो एक बात समझ में आई कि स्वदेशी के नाम से शुरू किए गए इस मंच टूटर में कोई बुराई नहीं है राष्ट्रीय व्यवस्था वह राष्ट्रवाद को प्रमुखता से रखने वाले टि्वटर के सीईओ नंदा ने साफ-साफ देश प्रथम है ऐसी सोच को सबके सामने रखने का प्रयास किया कहीं भी किसी भी व्यवस्था से ऐसा नहीं लगा कि टूटर भारत की आंतरिक किसी सूचना को कहीं प्रेषित करने का कार्य कर रहा हूं जबकि 2 दिन पहले व्हाट्सएप में खुलेआम अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को बदला है जिसे हिंदुस्तान का कोई भी आईटी कानून किसी भी प्रकार से चैलेंज नहीं कर सकता तो कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा है कि हिंदुस्तान की आईटी मंत्रालय भी वही अपने हाथ-पांव और अपनी राजनीतिक ताकत दिखा सकता है जहां वह हिंदुस्तान में ही बनी किसी एप्लीकेशन पर दिखानी हो विदेशी ताकत और विदेशी फंडिंग से चलने वाली एप्लीकेशन पर हम किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से कतराते हैं वामपंथी सोच को अग्रणी पंक्ति में रखने वाले ट्विटर व अन्य तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को तुरंत प्रभाव से हिंदुस्तान से बैन कर देना चाहिए आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को प्राथमिकता देते हुए टूटर जैसे स्वदेशी ऐप का इस्तेमाल करने को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने का कार्य करना चाहिए ।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.