आखिर वो क्या वजह थी कि , विश्व के आधुनिकतम और सुरक्षित माने जाने वाले हेलीकॉप्टर जिसमें -संयुक्त रक्षासेवा प्रमुख -स्व.बिपिन रावत और उच्चतम स्तर के अन्य फौजी अधिकारी भी उड़ान भर रहे थे -अचानक ही आग के गोले में परिवर्तित होकर नीचे गिरा और एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक जिंदगियाँ ख़त्म हो गईं। देश ने अपने वीर और जाबाँज सैनिकों और अधिकारियों को ठीक उस समय खो दिया जब इनके नेतृत्व में भारतीय सेना विश्व की शक्तिशाली सैन्य शक्तियों में से एक हो रही थी।

पाकिस्तान को उसके घर में घुस कर पीटा जा रहा था और चीन का घमंड और उसकी गर्दन दोनों को ही मरोड़ कर उसे उसकी औकात दिखाई जा रही थी -ठीक ऐसे समय में इस दुर्घटना का यूँ घटना , लोगों के ज़ेहन से उतर नहीं रहा है।

लोग इस दुर्घटना ने जितने उदास और दुःखी हैं , उतने ही शंकित और असमंजस से भरे हुए हैं। कुछ समाचार माध्यम भी इस दुर्घटना में किसी बाहरी साजिश अथवा किसी षड्यंत्र की बात कह रहे हैं -जो अभी जाँच का विषय है तथा इसके बाद ही इस दुर्घटना के कारणों का ठीक ठीक पता लोगों को चल सकेगा।

लेकिन इस बीच रक्षा विशेषज्ञ श्री ब्रह्मा चेलानी जी ने अपने एक ट्वीट से -न सिर्फ इस दुर्घटना में किसी चीनी साजिश की बात कह दी बल्कि अपने तथ्यों और तर्कों से उसके कारणों को भी परिलक्षित किया है। ब्रह्मा चेलानी ने -इस दुर्घटना पर सवाल उठाते हुए ये याद दिलाया है कि -पिछले वर्ष , 2020 में , ठीक इसी तरह की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ताइवान के बेहद अनुभवी और तेज़ तर्रार सेनाध्यक्ष की अपने साथियों सहित मृत्यु हो गई थी।

ब्रह्मा चेलानी ने सवाल उठाते हुए यह आशंका जताई है कि , कहीं ऐसा तो नहीं कि चीन की विस्तारवादी और स्वार्थी नीति के विरोध में खुल कर बोलने कहने वाले दोनों ही सेनाध्यक्ष -भारत और ताईवान – चीन जैसे शत्रु राष्ट्र की किसी साजिश का शिकार हो गए हैं ?? इस बात से बौखला कर चीन के राष्ट्रीय समाचार पत्र ग्लोबल एजेंसी ने इस पर तीव्र प्रतिक्रया जताते हुए इसका सारा दोष अमेरिका पर मढ़ दिया है।

दुर्घटना का सच झूठ तो आने वाले दिनों में , सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की जांच और उसका परिणाम आने के बाद ही सही से पता चल पाएगा किन्तु ये तो सत्य है ही कि , देश को ये आपदा उस समय मिली है जब पहले से ही देश के दुश्मन मुल्क , भारत को चोट पहुँचाने , उसके हिस्सों पर कब्जा करने की नीयत से अनेकों षड्यंत्र , लगातार रच रहे हैं।

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