अफगानिस्तान से तालिबानी क्रूरता की खबरें हर रोज सामने आ रही हैं। तालिबान ने जींस पहनने पर रोक लगा दी है और लड़कियों को नेल पालिश के इस्तेमाल से दूर रहने की हिदायत दी है। आतंकियों ने स्पष्ट किया है कि उनकी बात नहीं मानने वालों को इसकी सजा भुगतनी पड़ेगी। हाल ही में जींस पहनने के लिए कुछ युवाओं की बेहरमी से पिटाई की गई थी। 


एक अफगानी बच्चे ने तालिबानी क्रूरता उजागर करते हुए बताया कि उसे और उसके दोस्तों को जींस पहनने के लिए कड़ी सजा दी गई। लड़के ने बताया कि वो काबुल में अपने कुछ दोस्तों के साथ कहीं जा रहा था, तभी सामने से आ रहे तालिबानी लड़ाकों ने उन्हें रोक लिया। आतंकियों ने जींस को इस्लाम का अनादर बताते हुए पहले उनकी पिटाई की, फिर बंदूक दिखाकर उन्हें दोबारा गलती न दोहराने की धमकी दे डाली।


अफगानी न्यूजपेपर ने भी घटना की पुष्टि की है। अखबार के एक पत्रकार की भी पारंपरिक अफगानी पोशाक नहीं पहनने पर तालिबानी आतंकियों ने पिटाई की थी। वहीं, कंधार में तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के लिए फतवा जारी किया है। इस फततवे में कहा गया है कि नेल पालिश लगाना प्रतिबंधित है। यदि कोई ऐसा करते पाया जाता है, तो उसकी उंगलियां काट दी जाएंगी। इतना ही नहीं, महिलाओं के हील वाले सैंडल पहनने से भी मना किया है, ताकि उनके कदमों की आहट कोई अजनबी ना सुन पाए।

बड़ा सवाल यह उठता है कि भारत देश में रहकर कुछ लिबरल समाज की महिलाएं जैसे कि स्वरा भास्कर, सायमा, आरफा खानुम , रोहिणी सिंह , राणा अय्यूब क्या यह सब अफगानिस्तान में जाकर नेल पॉलिश लगा सकती हैं? क्या यह सब वहां ऊंची हील की सैंडल पहन सकती हैं? क्या यह सब वहां जींस पहन सकती हैं और यह उस जमात के लोग हैं जो कहते हैं कि भारत में उन्हें डर लगता है..ये उस जमात की भीड़ है जो कहती है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है अब जरा कम से कम इन्हें अपने गिरेबान में झांक कर दो बार सोचना चाहिए।

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