अखण्ड भारत

भारत के प्राचीन समय के अविभाजित स्वरूप को कहा जाता है। प्राचीन काल में भारत बहुत विस्तृत था जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, बर्मा, थाइलैंड शामिल थे। कुछ देश तो यहाँ से बहुत पहले के समय में अलग हो चुके थे वहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि अंग्रेजों से स्वतन्त्रता के काल में अलग हुए।

अखंड भारत में आज के अफगानिस्तान, पाकिस्तान , तिब्बत, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका आते है केवल इतना ही नहीं कालांतर में भारत का साम्राज्य में आज के मलेशिया, फिलीपीन्स, थाईलैंड, दक्षिण वियतनाम, कंबोडिया ,इंडोनेशिया आदि में सम्मिलित थे। सन् 1875 तक (अफगानिस्तान, पाकिस्तान , तिब्बत, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका) भारत का ही हिस्सा थे लेकिन 1857 की क्रांति के पश्चात ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिल गई थी उन्हें लगा की इतने बड़े भू-भाग का दोहन एक केंद्र से करना संभव नहीं है एवं फुट डालो एवं शासन करो की नीति अपनायी एवं भारत को अनेकानेक छोटे-छोटे हिस्सो में बाँट दिया केवल इतना ही नहीं यह भी सुनिश्चित किया की कालांतर में भारतवर्ष पुनः अखंड न बन सके।

इतिहास की किताबों में हिंदुस्तान की सीमाओं का उत्तर में हिमालय व दक्षिण में हिंद महासागर का वर्णन है, लेकिन पूर्व व पश्चिम की जानकारी नहीं है। कैलाश मानसरोवर से पूर्व की ओर जाएं तो वर्तमान का इंडोनेशिया और पश्चिम की ओर जाएं तो वर्तमान में ईरान देश या आर्यान प्रदेश हिमालय के अंतिम छोर पर हैं। एटलस के अनुसार जब हम श्रीलंका या कन्याकुमारी से पूर्व व पश्चिम की ओर देखेंगे तो हिंद महासागर इंडोनेशिया व आर्यान (ईरान) तक ही है। इन मिलन बिंदुओं के बाद ही दोनों ओर महासागर का नाम बदलता है। इस प्रकार से हिमालय, हिंद महासागर, आर्यान (ईरान) व इंडोनेशिया के बीच का पूरे भू-भाग को आर्यावर्त अथवा भारतवर्ष या हिंदुस्तान कहा जाता है।

२५०० सालों में २४ टुकड़ों में बट चुका है भारत ।

राइट विंग इतिहासकारों के मुताबिक सन 1947 में भारत-पाक बंटवारे के रूप में यह भारतवर्ष का पिछले 2500 सालों में 24वां विभाजन है। जबकि अंग्रेजों द्वारा 1857 से 1947 तक उनके द्वारा किया गया भारत का 7वां विभाजन है।
1857 में भारत का क्षेत्रफल 83 लाख वर्ग किमी था। वर्तमान भारत का क्षेत्रफल 33 लाख वर्ग किमी है। पड़ोसी 9 देशों का क्षेत्रफल 50 लाख वर्ग किमी बनता है।क्या थी अखंड भारत की स्थिति
वर्ष1800 से पहले दुनिया के देशों की सूची में वर्तमान भारत के चारों ओर जो आज देश माने जाते हैं उस समय ये देश थे ही नहीं। यहां राजाओं का शासन था। मान्यताएं व परंपराएं बाकी भारत जैसी ही हैं। खान-पान, भाषा-बोली, वेशभूषा, संगीत-नृत्य, पूजापाठ, पंथ के तरीके करीब-करीब सामान थे। विदेशी संपर्क के बाद यहां की संस्कृति बदलने लगी।

२५०० वर्षों के इतिहास में सिर्फ हिंदुस्तान पर हुए हमले ।

पिछले २५०० वर्षों में जो भी आक्रमण हुए (यूनानी, यवन, हूण, शक, कुषाण, र्तगाली, फेंच, डच, व अंग्रेज आदि) इन सभी का इतिहास में जिक्र है। किसी ने भी अफगानिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, नेपाल, तिब्बत, भूटान, पाकिस्तान, मालद्वीप या बांग्लादेश पर आक्रमण का उल्लेख नहीं किया है।

रूस और ब्रिटिश शासकों ने बनाया अफगानिस्तान ।

रूसी व ब्रिटिश शासकों (भारत) के बीच गंडामक संधि के बाद अफगानिस्तान नाम से एक बफर स्टेट अर्थात् राजनीतिक देश बनाया गया। इस तरह यह भारत से अलग हो गया। यह भी बता दें कि अफगानिस्तान शैव व प्रकृति पूजक मत से बौद्ध मतावलंबी और फिर इस्लाम के संपर्क में आया। बादशाह शाहजहां, शेरशाह सूरी व महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में उनके राज्य में कंधार (गंधार) का स्पष्ट वर्णन है।

1904 में दिया आजाद रेजीडेंट का दर्जा।

मध्य हिमालय के 46 से अधिक छोटे-बडे राज्यों को संगठित कर पृथ्वी नारायण शाह नेपाल नाम से एक राज्य बना चुके थे। 1904 में अंग्रेजों ने पहाड़ी राजाओं से समझौता कर नेपाल को एक आजाद देश का दर्जा प्रदान कर दिया। इस प्रकार से नेपाल भारत से अलग हो गया। नेपाल 1947 में अंग्रेजों से मुक्त हुआ।

अंग्रेजों की चाल से अलग हुआ भूटान।

1906 के बाद अंग्रेजों ने भारत के इस हिस्से को भी अलग कर दिया। भूटान के रूप में फिर एक नए देश का निर्माण हो गया।

चीन ने किया था कब्जा ।

1914 में तिब्बत को केवल एक पार्टी मानते हुए चीन, भारत की ब्रिटिश सरकार के बीच एक समझौता हुआ। भारत और चीन के बीच तिब्बत को एक बफर स्टेट के रूप में मान्यता देते हुए हिमालय को विभाजित करने के लिए मैकमोहन रेखा निर्माण करने का फैसला किया। हिमालय को बांटने का षड्यंत्र रचा गया। चीन की साम्रज्यवादी नीतियों की वजह से तिब्बत बफर स्टेट बनने के बाद चीन के कब्जे में चला गया।

अंग्रेजों ने अपने लिए बनाया था रास्ता।

अंग्रेजों ने नौसैनिक बेड़ा बनाने और समर्थक राज्य स्थापित करने के मकसद से श्रीलंका और फिर म्यांमार को राजनीतिक देश की मान्यता दी। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से दोनों अखंड भारत का हिस्सा थे।

दो देश से हुए तीन।

भारत में ब्रिटिश राज के अंत के साथ ही 1947 में भारत-पाक का बंटवारा हुआ। इसकी भी पटकथा अंग्रेजों ने पहले ही लिख दी थी। जबकि, 16 दिसंबर 1971 को भारत के सहयोग से बांग्लादेश के रूप में पाकिस्तान का एक हिस्सा स्वतंत्र देश बना।

Sources: wikipedia, newstodaynetwork.

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.