दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खुफिया एजेंसी सीआईए ने दुनिया भर के अपने सभी स्टेशनों को एक गुप्त मेमो जारी करके स्वीकार किया है कि बड़ी तादाद में उनके मुखबिर चीन पाकिस्तान अफगानिस्तान ईरान रूस देशों में मारे जा रहे हैं इसके अलावा जो भी मुखबिर जीवित बचे हैं उन्हें या तो इन देशों की खुफिया एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया है या फिर वह डबल एजेंट बन गए हैं।

सभी सीआईए स्टेशनों पर पिछले हफ्ते भेजा गया यह मेमो जासूसी की दुनिया में बहुत ही प्रचलित तरीका है, टॉप सीक्रेट में बताया गया है कि पिछले कुछ सालों में सीआईए के काउंटर इंटेलिजेंस सेंटर में काम करने वाले दर्जनों मुखबिर को मार दिया गया है या उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है, इसके अलावा जो इनफॉर्मर जिंदा बचे हैं वह डबल एजेंट बनकर गुपचुप तरीके से अमेरिका के खिलाफ ही जासूसी कर रहे हैं।

पिछले 50 सालों से विश्व में जासूसी का जो बड़ा नेटवर्क सीआईए के द्वारा खड़ा किया गया था उसे अब काउंटर किया जा रहा है और दूसरे देशों की इंटेलिजेंस धीरे-धीरे सीआईए एजेंट को खत्म कर रही है। ऐसे में सूत्रों के हवाले से खबर है कि पेंटागन में इस मुद्दे को लेकर गंभीर बैठक हो रही है और एक बार फिर से विश्व में अमेरिका अपने जासूसों की चेन को खड़ा करना चाह रहा है।

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