आज अमित शाह जी का जन्मदिन हैं। उनकी अद्भुत राजनैतिक यात्रा, अद्वितीय पराक्रम से भरा जीवन और उनके राष्ट्र दर्शन पर कपिल मिश्रा का लेख :

कठोर निर्णय, राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण, हमलों, साजिशों और कष्टों की आग से तप कर निकला अनुभव, वीर सावरकर के सच्चे शिष्य और मोदी जी के हनुमान , इन सब उपमाओं को अगर दो शब्दों में कहा जाए तो वो दो शब्द होंगे – अमित शाह

आज देश भर में माननीय गृहमंत्री का जन्मदिन मनाया जा रहा हैं।

एक ऐसा गृहमंत्री जिसकी प्रतीक्षा ना केवल देशवासियों को थी, बल्कि शायद माँ भारती भी सरदार पटेल जी के बाद बस आंखे गड़ाये सोच रही थी कि कभी तो कोई दूसरा सरदार पटेल आएगा। जो आतंक को कुचल दें, जो 370 के विष को समाप्त कर दें, जो भारत ही नहीं, भारत के बाहर भी पीड़ित हिन्दू, जैन, सिख समाज को शरण देने का साहसिक कानून बनाये, पूर्ण सत्य को कहने में जिसकी जिह्वा कभी लड़खड़ाए नहीं औरजो कड़े से कड़ा, असम्भव प्रतीत होने वाला निर्णय लेना भी जानता हो और उसे लागू करना भी।

अमित शाह जी के जीवन और उनके कार्यशैली को समझना है तो वीर सावरकर को समझना होगा।

अमित शाह जी के राष्ट्र दर्शन पर वीर सावरकर की झलक साफ दिखती हैं।

भारत को अजेय शक्ति बनाने के लिए “हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है और राष्ट्रीयत्व ही हिंदुत्व है’ के उद्द्घोषक स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर आज हमारे मध्य नहीं हैं। लेकिन उनके विचारों और कर्मो के उत्तराधिकारी के रूप में अमित शाह जी को देखा जा सकता हैं।

वीर सावरकर की संघर्षमय प्रेरणादायी अविस्मरणीय मातृभूमि के प्रति समर्पित गाथा जैसे अमित शाह जी का मार्ग दर्शन करती हैं।

तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा हर तरह की साजिशो , छल व प्रताड़नाओं के बावजूद अपने कर्मो पर अटल व अडिग रहे अमित शाह जी ने, जब राष्ट्रीय अध्यक्ष या उसके बाद गृहमंत्री के रूप में कार्य करने की बारी आई तो खुद को लक्ष्य से विमुख नहीं होने दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में हरियाणा में पहली बार भाजपा सरकार बनाना हो या उत्तर पूर्वी भारत में संगठन को विराट रूप तक पहुंचाना, सदस्यों के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनाना हो या 2019 में पूर्ण बहुमत से दुबारा विजय तक लेकर जाना, अमित शाह जी ने जमीनी राजनीति की परिभाषा ही बदल दी।

गृहमंत्री के रूप में धारा 370 हटाना, CAA, आतंकी नेटवर्क का विनाश के साथ साथ पुलिस रिफार्म, CrPC में बदलाव, राम मंदिर निर्णय को शांतिपूर्ण तरीके से लागू करवाना, नार्को टेरेरिज्म के खिलाफ युद्ध छेड़ना, NIA एक्ट में बदलाव, जम्मू कश्मीर और लदाख का केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर संचालन, FCRA में बदलाव जैसे कई ऎतिहासिक निर्णय केवल एक साल के अंदर अमित शाह ले चुके हैं।

अमित शाह ने स्कूली शिक्षा पूर्ण कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल होने के बाद संघ की विद्यार्थी शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) के लिए चार वर्ष तक कार्य किया। उसी अवधि में भाजपा, संघ की राजनीतिक शाखा बनकर उभरी और वे 1984-85 में पार्टी के सदस्य बने। भाजपा सदस्य बनने के बाद उन्हें अहमदाबाद के नारायणपुर वार्ड में पोल एजेंट का पहला दायित्व सौंपा गया, तत्पश्चात् वे उसी वार्ड के सचिव बनाए गए। एक पोल एजेंट से लेकर पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष तक पहुंचने की ये कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं लगती।

राजनीति से हटकर दूसरे क्षेत्रों में भी अमित शाह की नीतियों की बहुतों ने प्रशंसा की। अमित शाह शतरंज के अच्छे खिलाड़ी हैं और 2006 में वे गुजरात स्टेट चैस एसोसिएशन के चेयरमैन बने। उन्होंने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अहमदाबाद के सरकारी स्कूलों में शतरंज को शामिल करवाया।  वर्ष 2007 में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह गुजरात स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के क्रमशः चेयरमैन और वाइस-चेयरमैन बने तथा कांग्रेस के 16 साल के प्रभुत्व को समाप्त किया। इस अवधि में अमित शाह अहमदाबाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ क्रिकेट के चेयरमैन भी रहे।

आइये मिलकर अमित शाह जी को जन्मदिन की बधाई दें और ईश्वर से प्रार्थना करें कि अमित शाह जी को वीर सावरकर के सपनों का भारत बनाने के उनके प्रयासों के लिए आवश्यक ऊर्जा, स्वास्थ्य और भाग्य रूपी आशीर्वाद बनाये रखें । वीर सावरकर के सच्चे शिष्य को जन्मदिन की अनन्त बधाई

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