अनवर बन गए देवप्रकाश, बेटा रेहान अब देवनाथ, बेटी खुशी अब दुर्गा देवी
मो. अनवर ने हिंदू परिवार के लोगों से मदद मिलने से प्रभावित होकर गुरुवार को अपना धर्म त्याग दिया। बाकायदा गोकना घाट पहुंचकर सिर मुड़वाने के साथ ही अन्य कार्यक्रम किए। मूल रूप से सलोन कोतवाली क्षेत्र गांव रसातों निवासी मो. अनवर मुस्लिम धर्म में फकीर बिरादरी से ताल्लुक रखता था।
गरीबी और मुफलिसी झेल रहे एक व्यक्ति को हिन्दू परिवारों ने सहारा दिया जिससे वह सनातन धर्म से प्रेरित हुए और सनातन धर्म से प्रेरित होकर उसने अपने धर्म को त्याग दिया। माे अनवर भादव मास की पूर्णिमा पर पूरे कुटुंब के साथ गंगा घाट पर पहुंचा और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सनातन धर्म को स्वीकार कर लिया है । मूल रूप से सलोन कोतवाली क्षेत्र के गांव रतासाे निवासी माे अनवर मुस्लिम धर्म में फकीर बिरादरी से ताल्लुक रखते थे । कई वर्ष पहले उनकी बीवी का इंतकाल हो चुका था । उनके तीन बच्चे है । बड़ा बेटा रेहान , दूसरा बेटा अली और बेटी खुशी थी । मुफलिसी में जीवन जी रहे अनवर के लिए बच्चों की परवरिश में काफी कठिनाइयां थी। आसपास के हिन्दू परिवारों ने उनकी काफी मदद की। बिना किसी भेदभाव के साथ हिन्दू परिवार उनके जीवन यापन करने उनकी में मदद कर रहे थे । जिससे वह हिन्दुओं के करीब आए और उनको हिन्दू सनातन धर्म को करीब से जानने समझने का अवसर मिला । जब उन्होंने सनातन धर्म के बारे में जाना तो उनके मन मस्तिष्क पर बड़ा असर पड़ा ।
अन्ततः उन्होंने धर्म परिवर्तन का निर्णय ले लिया । उसके बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं के संपर्क में आए । धर्म परिवर्तन की तिथि तय हुई और भादव मास की पूर्णिमा के मौके पर वह बच्चों के साथ ऊंचाहार के गोकना गंगा घाट पर पहुंच गए । जहां पर संघ नेताओं की मौजूदगी में पञ्च गव्य द्वारा उनका शुद्धिकरण किया गया । उसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उनको विधिवत सनातन धर्म में शामिल किया गया । इसके बाद उनका नाम मो अनवर से बदलकर देवनाथ , उनके बच्चों का नाम भी परिवर्तित कर हिन्दू नामकरण किया गया है ।
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