सीएम हिमंता बिश्वा ने जब से असम की बागडोर अपने हाथों में ली है, मानो बदलाव की बयार बहती ही जा रही है , एक के बाद एक कई बड़े फैसले वो लेते जा रहे हैं, जो कईयों को कांटों की तरह चुभ भी रहे हैं,

इसी कड़ी में असम की सरकार ने बुधवार को ओरंग नेशनल पार्क से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटाने का फैसला किया है। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसे लेकर फैसला लिया गया, जिसके बाद अब इसे ओरांग नेशनल पार्क के नाम से जाना जाएगा। नाम हटाने के फैसले पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा कि आदिवासियों और चाय जनजाति समुदायों की मांगों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान जरुरी है.

जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा ने कहा कि कुछ दिनों पहले, असम के मुख्यमंत्री  हिमंत बिस्वा सरमा ने आदिवासी और चाय जनजाति समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। बैठक के दौरान, आदिवासी और चाय जनजाति समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री से राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलने का अनुरोध किया था। ओरंग वन्यजीव अभयारण्य का नाम मूल रूप से साल 1992 में राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था लेकिन कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार द्वारा साल 2001 में इसे राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में राष्ट्रीय बनाया गया था। 

वहीं कांग्रेस को ये रास नहीं आ रहा है कि , कांग्रेस का कहना है कि ये राजीव गांधी के योगदान को मिटाने का बीजेपी की तरफ से एक और प्रयास है, बता दें आपको कुछ दिनों पहले ही राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलके मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया फिर असम के नेशनल पार्क से राजीव गांधी का नाम हटा दिया गया. एक के बाद एक मिलते झटके से कांग्रेस नेताओं का गुस्सा लाजिमी है।    

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