देश में नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिये बयान से भड़के मुस्लिम समुदाय द्वारा कानपुर में पत्थरबाजी और बमबाजी की जाती है. भारत में सोशल मीडिया पर इस मामले को ट्रेंड कराकर इस्लामिक देशों तक पहुंचाया जाता है. जिसके बाद गल्फ देशों के कई मौलाना भारत से ‘सार्वजनिक रूप’ से माफी मांगने को लेकर पत्र जारी कर देते हैं. कई इस्लामिक देश इस टिप्पणी को पूरी दुनिया के मुसलमानों का अपमान बता देते हैं.

नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। बीजेपी ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड भी कर दिया लेकिन सवाल तो ये कि नूपुर शर्मा ने जिस वजह से पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की थी उस बात पर तो किसी का ध्यान ही नहीं जा रहा. देखा जाए तो अपने आराध्य के बारे में अपमानजनक शब्द सुनकर नूपुर शर्मा तो क्या किसी भी हिंदु का खून खौल उठेगा. जब से ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग होने के सबूत मिले हैं तब से शिवलिंग का मजाक लगातार सोशल मीडिया पर बनाया जा रहा है . शिवलिंग को फव्वारा तो कभी ऐसे-ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे लिखना भी मुश्किल है  .

ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने जो जहर फैलाया है, ये किसी से छिपा नहीं है. ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ के नाम पर बहुत से लोगों ने हिंदू पक्ष के दावों को खारिज कर दिया , शिवलिंग को लेकर कई आपत्तिजनक तस्वीरें शेयर कीं. लेकिन क्या इन तस्वीरों के बाद देश के किसी हिस्से में हिंदुओं की तरफ से किसी तरह की कोई सांप्रदायिक घटना की खबर सामने आई ? जवाब है नहीं, लेकिन शिवलिंग के बारे में आपत्तिजनक बातें कहते हुए सबा नकवी, राणा अयूब जैसे तमाम लोगों ने ट्वीट किया. इतना ही नहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ऐसी तस्वीरों पर खूब मजाकिया इमोजी शेयर किये. सवाल ये कि आखिर उन्हें हमारे देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने का अधिकार किसने दिया है ?

क्या नूपुर शर्मा से ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ का ये अधिकार केवल इसलिए छीना जा सकता है. क्योंकि वह हिंदू हैं. बीजेपी ने तो अपना कर्म निभा दिया लेकिन क्या मुस्लिम समाज और कानून आगे आकर उन तमाम सोशल मीडिया हैंडल और यूट्यूब चैनलों पर बैन लगाने का हिमम्त कर सकेगा जिसमें हिंदू देवी-देवताओं का मजाक बनाया जाता है, कभी मां सीता, कभी प्रभु श्रीराम तो कभी श्रीकृष्ण तो कभी हमारे दूसरे देवी-देवताओं पर बेहद भद्दी और अपमानजनक बातें की जाती हैं क्या उनपर कोई कार्रवाई की जाएगी ? लेकिन इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि जब खुद को हिंदु बताने वाले भी भगवान का मजाक उड़ाएं, उनके ट्वीट देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे आराध्यों के प्रति इनकी सोच कितनी घटिया है  .

भले ही ये ट्वीट पुराने हो लेकिन सोचिए इनके दिमाग में हमारे देवी-देवताओं के खिलाफ किस हद तक और कब से ये जहर भरा हुआ है. अगर किसी के आराध्य की निंदा या आलोचना करना गलत है तो उन सारे कट्टरपंथी इस्लामी लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने हमारे आराध्य महादेव का अपमान किया और अगर गलत नहीं है तो फिर नूपुर शर्मा पर भी कार्रवाई का कोई तुक नहीं बनता !

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