गोवत्स द्वादशी का महत्त्व

28 अक्टूबर को गोवत्स अर्थात वसुबारस द्वादशी है । यह दीपावली के आरंभ में आती है । यह गोमाता का सवत्स अर्थात उसके बछड़े...

आध्यात्मिक ‘हिन्दू राष्ट्र’ के समर्थक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी !

प्रस्तावना : आज ‘हिन्दू राष्ट्र’, विषय पर सर्वत्र चर्चा हो रही है । भारत में हिन्दू राष्ट्र के कट्टर समर्थक हैं, साथ ही अज्ञानवश अथवा हिन्दुत्व के प्रति द्वेष...

होली – आपसी मनमुटाव दूर करने और मेलजोल बढ़ाने का त्यौहार

त्यौहार, धार्मिक उत्सव एवं व्रत हिंदू धर्म का एक अविभाज्य अंग है । इनको मनाने के पीछे कुछ विशेष नैसर्गिक, सामाजिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक कारण होते...

महाशिवरात्रि – सहजता से प्रसन्न होने वाले भगवान शिव की आराधना का दिन

भगवान शिव सहज प्रसन्न होने वाले देवता हैं इसलिए शिव के भक्त पृथ्वी पर बड़े प्रमाण में है।  भगवान शंकर रात्रि के एक प्रहर में...

रथसप्तमी का महत्व

सूर्य, चंद्र, अग्नि, पवन, वरुण और इंद्र प्रमुख गौण देवता हैं। ये देवता मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीवों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका...

रामनवमी पर विशेष : मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के काल में अपराध, भ्रष्टाचार आदि के लिए कोई स्थान नहीं था !

‘चैत्र शुक्ल नवमी को ‘श्रीरामनवमी’ कहते हैं । श्रीराम के जन्म के उपलक्ष्य में श्रीरामनवमी (इस वर्ष 10 अप्रैल) मनाई जाती है । इस...