मनुष्य पर अनंत उपकार करने वाले ऋषियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन ! ऋषि पंचमी

ऋषि अथवा मुनि,कहने पर हमारे हाथ अपने आप ही जुड़ जाते हैं और हमारा मस्तक आदर से झुक जाता है, इस भरतखंड में अनेक...

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का आध्यात्मिक महत्व

प्रस्तावना : पूर्णावतार भगवान श्री कृष्ण ने श्रावण कृष्ण पक्ष अष्टमी को पृथ्वी पर जन्म लिया। उन्होंने बाल्यकाल से ही अपने असाधारण क्रियाकलापों के...

स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव व सुराज्य निर्माण का संकल्प !

प्रस्तावना : भारत की स्वतंत्रता का यह अमृत महोत्सव वर्ष है । ज्ञात- अज्ञात अनेक क्रांतिकारियों की क्रांति के कारण जुल्मी अंग्रेजों से भारत मुक्त...

चैतन्य का स्रोत “संस्कृत”

संस्कृत सप्ताह पर विशेष प्रस्तावना :  प्रत्येक वर्ष श्रावण पूर्णिमा को ‘संस्कृत दिन ‘मनाया जाता है। संस्कृत ईश्वर द्वारा निर्माण की गई भाषा है। संस्कृत सभी भाषाओं...

हरियाली तीज का महत्व

हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है। दीपावली, होली,नवरात्रि हो या रक्षाबंधन, हिन्दू, देश में पर्वों को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इन पर्वों में सावन...

गुरु का पहला कर्तव्य – राष्ट्र और धर्म की रक्षा करना

काल की आवश्यकता को पहचानते हुए राष्ट्र और धर्म की रक्षा करना सिखाना आज गुरु का पहला कर्तव्य है ! जिस प्रकार साधकों को साधना सिखाना गुरु का...

कालानुसार ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए योगदान देना, श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले

देशभर में 154 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया ‘सुखस्य मूलं धर्मः।’, अर्थात सुख का मूल धर्माचरण में है । यदि...

धर्मनिष्ठ समाज निर्मिति के लिए ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सवों’ में सम्मिलित होइए ! – सनातन संस्था का आवाहन

सनातन संस्था द्वारा देशभर में 154 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’; 9 भाषाओं में ऑनलाइन महोत्सव ! ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ हिन्दू धर्म की अद्वितीय श्रेष्ठ परंपरा...