Unverified Sources गीता का अनुपम ज्ञान वह था भीषण रण का मैदान, दोनों और सेनाएँ थी प्रतिग्यावान, महारथी जुटे थे करने युद्ध, कौरव, पांडव भाई जो थे एक दूसरे के...
आज का मुद्दा याज्ञवल्क्य गार्गी संवाद राजा जनक की सभा जिससे रहती थी गुंजायमान, वे शब्द थे अतुलनीय,अकल्पनीय,महान, ब्रह्मसभा का होता था नित आयोजन, रहते थे सम्मिलित सभी विद्वान् इस...
कला ओमकार समष्टि में व्याप्त हूँ,व्यष्टि का आधार हूँ,गूंजता हूँ अनंतकाल से,मैं ओमकार हूँ! प्रणव में हूँ,अनहद नाद,सामवेद का उद्गीथ हूँ,गीता का एकाक्षर ब्रह्म अंतर्नाद! स्फुरित...
राय नचिकेता पर कविता कठ उपनिषद में वर्णित नचिकेता की कहानी को मेरे द्वारा कविता के माध्यम से कहने का प्रयास किया गया है. किस प्रकार एक बालक...
बिना श्रेणी सत्यकाम की सत्यनिष्ठा छान्दोग्य उपनिषद् के ४वें प्रपाठक में उल्लेखित एक अद्भुत प्रकरण है सत्यकाम व् उनकी माता जबाला से सम्बंधित, जिसमे सत्यकाम नमक बालक की असीम...