राय हाथरस के बहाने दंगों की साजिशें भारत एक भावप्रधान देश है। आज के भौतिक एवं मशीनी युग में निःसंदेह यह हमारी वैचारिक सबलता है। परंतु यदि हम सजग और सचेत...
राय “तथाकथित बौद्धिक या अभिजन गिरोह” को रास नहीं आ रहा नया एफसीआरए कानून सार्वजनिक शुचिता, नैतिकता एवं पारदर्शिता समय की माँग है। आश्चर्य है कि जो ग़ैर सरकारी संगठन शासन-प्रशासन में विभिन्न स्तरों पर व्याप्त भ्र्ष्टाचार को...
राय बदलाव की आहट और दृष्टि-पथ से हटती-छँटती धुंध हम सूचनाओं के विस्फोट के युग में जी रहे हैं। आज नित-नवीन सूचनाओं की तलाश में केवल विभिन्न चैनलों, न्यूज़ एजेंसियों में काम करने...
राय विश्व-बंधुत्व की भावना को सच्चे अर्थों में साकार करता है – एकात्म मानवदर्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर विशेष सरलता और सादगी की प्रतिमूर्त्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय बहुमुखी एवं विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनका जीवन...
राय उप सभापति का आचरण न केवल प्रशंसनीय, अपितु अनुकरणीय और वरेण्य भी है| लोकतंत्र में सार्थक एवं समूहिक विमर्श अनवरत जारी रहना चाहिए| विरोध और असहमतियों के मध्य संवाद और सहमति की पहल एवं प्रयास भी सतत...
आज का मुद्दा कृषि बिल समझने के लिए ज़रूरी लेख: मोदी सरकार के बिल से होगा किसानों की स्थिति में सुधार कृषि एवं किसानों के हितों से जुड़े विधेयकों के पारित होने के पश्चात उसके पक्ष और विपक्ष में तमाम दलीलें दी जा रही हैं|...
राय आप तो पूरी थाली उड़ाने वालों की ही पैरोकार बन गईं?? कला कला के लिए होनी चाहिए या जीवन के लिए इस पर साहित्य के पुरोधाओं और पाठकों के बीच सदैव से विमर्श चलता आया...
राय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : राजनीति और सेवा राजनीति भी व्यापक मानवीय संस्कृति का एक प्रमुख आयाम है| भारतीय जनमानस के लिए राजनीति कभी अस्पृश्य या अरुचिकर नहीं रही| स्वतंत्रता-आंदोलन के दौर...
राय हिंदी दिवस: राष्ट्रीय कर्मकांड और औपचारिक अनुष्ठान का अनूठा दिवस! हिंदी-दिवस: राष्ट्रीय कर्मकांड और औपचारिक अनुष्ठान का अनूठा दिवस है| एक बार फिर मर्सिया पढ़ा जाएगा, एक बार फिर विरुदावलियाँ गाई जाएँगीं; एक बार...
राय साक्षात्कार या साजिश ?? सुशांत सिंह प्रकरण पर अखबारों के पन्ने रंगे जा चुके हैं, चैनलों पर तरह-तरह की कहानियाँ 24×7 परोसी जा रही हैं। ऐसा लगने लगा...