राय काश कि इस देश की ललनाएँ लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं से प्रेरित-पोषित होतीं…! एक ओर महारानी लक्ष्मीबाई का जीवन-चरित्र तो दूसरी ओर आज की कूल ड्यूड बेबियों की छुई-मुई अदा और नाज़ो-नख़रे! लक्ष्मीबाई के देश की कूल...
राय ये कैसी मोहब्बत है, जो मज़हब बदलने की शर्त्तों पर की जाती है! पिछले कुछ दिनों से देश के अलग-अलग शहरों में लव-ज़िहाद के बढ़ते मामले समाज एवं सरकार के लिए चिंता के सबब बने हुए हैं।...
कला जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध ! अर्नब की गिरफ़्तारी और हमारी भयावह चुप्पी !! लोकतंत्र में मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है। लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करने में...
राय कट्टरता के मूल को पहचाने बिना कोई उपचार संभव नहीं आज पूरी दुनिया युद्ध के मोड़ पर खड़ी है। फ्रांस आतंकवाद की आग में जल रहा है। वहाँ हो रहे आतंकवादी वारदातों और उनके...
राय क्या महाराजा हरिसिंह के चरित्र के साथ इतिहासकारों ने सही न्याय किया है? 26 अक्तूबर, 1947 का दिन भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक महत्त्व रखता है। इसी दिन जम्मू-कश्मीर रियासत के महाराजा हरिसिंह ने आपातकालीन परिस्थितियों में...
राय प्रधानमंत्री का आह्वान और हमारी नागरिक-जिम्मेदारी जीवन की सबसे बड़ी सुंदरता ही यह है कि वह प्रतिकूल-से-प्रतिकूल परिस्थितियों में भी निरंतर गतिशील रहता है।
राय पालघर से लेकर करौली तक, चंडीगढ़ से नांदेड़ तक, मुरादाबाद से मुर्शिदाबाद तक ..साधु-संतों पर हुआ प्रत्येक हमला समाज और संस्कृति पर हमला है। भारत एक धर्म प्रधान देश है। आस्था एवं श्रद्धा इस देश की प्राणशक्ति है। जड़ से लेकर चेतन तक हमारी आस्था एवं श्रद्धा का...
Uncategorized @hi घाटी के अवाम को क्या चाहिए मजहबी धर्मांधता का अंध कूप या विकास का सुनहला सूरज जम्मू-कश्मीर की राजनीति के चिर-परिचित प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक शत्रुता भुलाकर कश्मीर में अपनी खोई हुई ज़मीन हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहे...
राय बिहार चुनाव का विस्तृत विश्लेषण बिहार की राजनीति को जितना समझने का प्रयास किया जाय उतना ही उसका सिरा हाथों से छूट जाता है। आम बिहारी राजनीति में गहरी...
आज का मुद्दा कपिल मिश्रा: समय के सारथी इस देश में आज भी कथित मीडिया और वामपंथी बौद्धिक गिरोह नैरेटिव सेटर है। वह जब चाहे किसी को अर्श पर और जब चाहे...