इतिहासकारों के मुताबिक बाबर की शादी 13 साल की उम्र में हो गई थी। बाबर की दस से अधिक बीवियां थी लेकिन बाबर का दिल बाबरी नामक लड़के पर आया हुआ था। बाबरनामा के पृष्ठ 120 -121 पर लिखा है कि बाबर की अपनी पत्नी से अधिक रूचि 14 साल के लड़के बाबरी में रखता था। किताब के मुताबिक बाबर ने कभी किसी को इतना प्यार नहीं किया जितना दीवानापन और प्यार बाबरी नामक लड़के में था। बाबरी को वह हद से ज्यादा प्यार करता था बाबर बाबरी के लिए शायरी भी करना पसंद करता था।
बाबरनामा के मुताबिक बाबर बाबरी के नाम से रोमांचित हो जाता था। कम उम्र के लड़कों में बाबर की खास रुचि थी। इतिहासकारों के मुताबिक विवादित ढांचा बावरी के नाम पर रखा गया था एक तरह से बाबर का ये एक हरम था जहां औरतों के साथ कई लड़कों को भी रखा जाता था। किताब में कहा गया है कि बाबर अपने राज्य से सुंदर लड़कों को अपने हरम में लाता था।
इतिहासकारों का मानना है कि विवादित ढांचा असल में मस्जिद नहीं थी उनका तर्क है कि मस्जिद में खुले आसमान के नीचे नमाज पढ़ी जाती है जबकि बाबरी मस्जिद में कोई ऐसी खुली जगह नहीं थी । साथ ही अंदर वजू की जगह भी नहीं थी, नमाज पढ़ने से पहले हाथ पैर धोए जाते हैं लेकिन यह जगह भी अंदर नहीं बनाई गई थी
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